
गढ़वा, झारखंड. छोटे कस्बों में आधार कार्ड बनवाना गंगा नहाने के बराबर है। यह तस्वीर आधार सेंटरों पर लगने वाली लाइनों की दशा दिखाती है। ऐसी तस्वीरें नोटबंदी के दौरान देखने को मिली थीं, जब बैंकों या एटीएम के बाहर लाइन में खड़े लोगों ने अपना नंबर आने के इंतजार में पासबुक या अन्य कोई चीजें रखकर जगह घेर रखी थी। यह मामला गढ़वा में बंशीधर नगर स्थित आधार कार्ड सेंटर के बाहर का है। यहां आधी रात से लोग लाइन में अपने प्रमाण पत्र रखकर जगह घेरकर बैठ जाते हैं। यहां एक ही सेंटर है, ऐसे में लंबी लाइन लगना स्वाभाविक है। लेकिन प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं है।
घंटों भूखे-प्यासे खड़े रहते हैं
वैसे तो सेंटर सुबह 10 बजे खुलता है, लेकिन लोग रात 2-3 बजे से ही लाइन में अपने डॉक्यूमेंट रखकर बैठ जाते हैं। बताते हैं कि दिनभर में बमुश्किल 30 लोगों का ही काम हो पाता है। बाकी लोग पूरा दिन खराब करके वापस लौट जाते हैं। इस समय कोरोना को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन भीड़ के चलते लोग इस ओर ध्यान नहीं दे रहे। लोगों का कहना है कि आधार कार्ड हर सरकारी काम में अनिवार्य हो गया है, ऐसे में बनवाना मजबूरी है। इस संबंध में एसडीओ जयवर्धन कुमार ने कहा कि इस समस्या का बहुत जल्द समाधान हो जाएगा। दो और सेंटर खोले जाने को लेकर यूआईडी को लिखा गया है। जैसे ही अप्रूवल आ जाएगा, सेंटर खुल जाएंगे।
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