हेमंत सोरेन पर तंज कसने वाले मंत्री बन्ना गुप्ता बोले- इस्तीफा दे दूंगा, लेकिन दो चीजों से समझौता नहीं करूंगा

बन्ना गुप्ता ने कहा कि हम मंत्री बनकर घूम रहे हैं। यह किसे खराब लगेगा, ऐसे लोगों को ये नहीं पता कि हम मंत्री कैसे बने और कैसे हमने एक-एक वोट जुटाया है। हम जब जमशेदपुर से एक लाख वोट लेकर आए हैं तो हमें ये तय करना होगा कि हमारी विचारधारा और हमारा सिद्धांत कभी कमजोर नहीं हो। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 25, 2022 9:59 AM IST

रांची। झारखंड की गठबंधन सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है। कांग्रेस के कोटे से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के बयान के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है। बन्ना ने सीधे तौर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष और सीएम हेमंत सोरेन की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। अब उन्होंने सफाई के साथ चेतावनी भी दी है। बन्ना गुप्ता ने कहा कि चिंतन शिविर में हमें जिन बातों को कहना था हमने वह कह दिया है। हम पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं। मैं हल्की बात करने में विश्वास नहीं करता हूं। हमने मन के दुख, दर्द को चिंतन शिविर में अध्यक्ष को और सदन को अवगत कराया है। 

बन्ना गुप्ता ने कहा कि हम मंत्री बनकर घूम रहे हैं। यह किसे खराब लगेगा, ऐसे लोगों को ये नहीं पता कि हम मंत्री कैसे बने और कैसे हमने एक-एक वोट जुटाया है। हम जब जमशेदपुर से एक लाख वोट लेकर आए हैं तो हमें ये तय करना होगा कि हमारी विचारधारा और हमारा सिद्धांत कभी कमजोर नहीं हो। राष्ट्रभाषा के साथ समझौता नहीं किया जा सकता है। जिस दिन राष्ट्रभाषा और मां भारती के साथ समझौता करना पड़ेगा तो मैं उसी दिन इस्तीफा दे दूंगा।

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सीएम कांग्रेस को अंत की ओर ले जाना चाहते हैं
इससे पहले बन्ना गुप्ता ने सीएम हेमंत सोरेन पर कटाक्ष किया था। उन्होंने कहा था कि हम एक गठबंधन सरकार चला रहे हैं और हमारी स्थिति कुछ ऐसी है जैसे एक गाना है 'जब मांझी ही नाव डुबाए, उससे कौन बचाए।' अगर सीएम सिर्फ हमारी पार्टी कांग्रेस को अंत की ओर ले जाना चाहते हैं तो इसका कोई औचित्य नहीं है। हमारी पार्टी बचेगी तो हम बचेंगे। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना के इस बयान का सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

बन्ना को परफॉर्म करना चाहिए, बयानबाजी नहीं
बता दें कि बन्ना गुप्ता के इस बयान के अर्थ निकाले जाने लगे थे। माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कांग्रेस का वोट बैंक झामुमो में शिफ्ट कराना चाहते हैं। गठबंधन कांग्रेस के हित में नहीं है। हालांकि, कांग्रेस के ज्यादातर विधायक इस मामले में पल्ला झाड़ते देखे गए हैं। जामताड़ा से कांग्रेस विधायक डॉ. इरफान अंसारी ने तो खुलकर बन्ना का विरोध किया और कहा कि मंत्री बनने का मौका मिला है तो उन्हें परफॉर्म कर दिखाना चाहिए।  

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हेमंत सोरेन ने किसी के साथ गलत व्यवहार नहीं किया
उन्होंने कहा कि सरकार और मुख्यमंत्री को लेकर उनके विचार व्यक्तिगत हो सकते हैं और यह पार्टी का विचार नहीं है। बन्ना के बयान से संगठन और सरकार के संबंध में गलत संदेश जा रहा है। इसका लाभ भाजपा को मिलेगा। हेमंत सोरेन ने कभी किसी से गलत व्यवहार नहीं किया है। रघुवर दास विधायकों और मंत्रियों को डांट-फटकार लगाया करते थे। अधिकारियों के साथ भी गलत तरीके से पेश आते थे। डीसी-एसपी को डांटते थे। हेमंत सोरेन ने सबको सम्मान दिया।

गिरिडीह में हुआ था कांग्रेस का चिंतन शिविर
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले गिरिडीह के मधुबन में झारखंड कांग्रेस का चिंतन शिविर आयोजित किया गया था, इसमें पार्टी के सभी मंत्री और विधायक शामिल हुए थे। इसमें झामुमो के साथ चल रही गठबंधन सरकार में उपेक्षित होने का आरोप लगाया।

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