आपने कुंभ के मेले में बिछुड़े भाई-बहन या अभिभावक और बच्चों के मिलन की कहानियां खूब सुनी-पढ़ीं होंगी। यह मामला भी कुछ ऐसा ही है।
रांची, झारखंड. यह कहानी एक 6 साल की बच्ची से जुड़ी है। जो 2 साल पहले गायब हो गई थी। फैमिली ने सारा शहर छान मारा। पुलिस ने भी उसे ढूंढने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन उसका पता नहीं चल पाया। आखिर में सबने यह मान लिया कि कोई बच्चा गिरोह उसे उठाकर ले गया होगा, अब उसका मिलना मुमकिन नहीं। हालांकि मां आखिर मां होती है। उसे उम्मीद थी कि एक न एक दिन उसकी बेटी जरूर मिलेगी। मां रोज भगवान के सामने बेटी की सलामती की दुआ करती। 2 साल बाद भगवान ने चमत्कारिक रूप से मां और बेटी को मिला दिया। मां को पहचानते ही बेटी गले लगकर फूट-फूटकर रो पड़ी। हालांकि उसे पहले पहचानन में थोड़ा वक्त लगा, क्योंकि तब वो महज 4 साल की थी।
ऐसे हुई थी गायब
किसी फिल्म की तरह यह कहानी पंडरा ओपी क्षेत्र में घटी। यहां के देवनगर की निवासी बिरसा देवी पत्नी मनोज लोहरा ने बताया कि जनवरी 2018 में वे लकड़ियां खरीदने बाजार गई थीं। पीछे-पीछे उनकी बेटी स्नेहा भी चली आई। उन्हें इसका आभास नहीं हुआ। जब वे घर लौटीं, तब मालूम चला कि बेटी उनके पीछे चली गई थी। इसके बाद पूरे परिवार में अफरा-तफरी मच गई। सबने उसे ढूंढने सारा शहर छान मारा। फिर पंडरी ओपी में बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने भी अपनी ओर से बच्ची को ढूंढ़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। तमाम संदिग्धों से पूछताछ की। पर कोई सुराग नहीं मिला। आखिर में परिवार निराश होकर बैठ गया।
यशोदा बनकर सामने आई महिला
बिरसा के घर से 3 किमी दूर सुनीता उरांव रहती हैं। उन्होंने बताया कि वे पंडार बाजार से लौट रही थीं। तभी उन्हें बच्ची रोते हुए मिली। वे उसे अपने घर ले आईं। उन्होंने भी बच्ची का पता ढूंढ़ने की कोशिश की। लेकिन नाकाम रहीं। पंडरा ओपी की एएसआई रोजलिना हांसदा ने बताया कि सुनीता की तीन बेटियां हैं। वो गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है। इसलिए उसे तीनों बेटियों और अब स्नेहा के लालन-पालन में दिक्कत आ रही थी। हालांकि उसने अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी। 2 साल तक स्नेहा को अपनी बेटी की तरह पाला। सुनीता ने इसकी चर्चा अपने किसी परिचित से की थी। उसने थाने में इसकी जानकारी दी। इसके बाद पुलिस सुनीता तक पहुंची। जब बिरसा देवी तक इसकी खबर पहुंची, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गुरुवार को वे सीडब्लूसी कार्यालय पहुंचीं और कागजी कार्रवाई के बाद अपनी बेटी को ले आईं।