1995 में मशरख विधायक अशोक सिंह की बम से उड़ा कर हत्या कर दी गई थी जब वो अपने सरकारी आवास पर लोगों के साथ बैठे थे।
रांची: झारखंड हाई कोर्ट में सोमवार को विधायक अशोक सिंह हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह व उनके भाइयों की अपील याचिकाओं पर सुनवाई हुई। झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अमिताभ गुप्ता एवं राजेश कुमार की बैंच ने मामले की सुनवाई की। इस दौरान प्रभुनाथ सिंह की ओर से बहस पूरी कर ली गई। अब विधायक की पत्नी चांदनी देवी की ओर से बहस की जाएगी। मामले में अगली सुनवाई 25 नवंबर को तय की गई है।
1995 में अशोक सिंह को बम से उड़ा दिया गया था
हजारीबाग जिला अदालत ने अशोक सिंह हत्याकांड मामले में बिहार के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह व उनके भाई दीनानाथ सिंह और रितेश को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अदालत के आदेश के खिलाफ प्रभुनाथ सिंह की ओर से हाई कोर्ट में अपील याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान प्रभुनाथ सिंह की ओर से वरीय अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह व हेमंत कुमार सिकरवार ने अदालत को बताया कि निचली अदालत ने तथ्यों पर बिना गौर किए ही उन्हें सजा सुनाई है। इस मामले में उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है।
गौरतलब है कि 1995 में मशरख विधायक अशोक सिंह की बम से उड़ा कर हत्या कर दी गई थी जब वो अपने सरकारी आवास पर लोगों के साथ बैठे थे।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)