झारखंड में एक्टिव हुई बीजेपी: कांग्रेस-JMM के कई विधायक नाराज, हेमंत सोरेन सरकार पर लटकी तलवार

सीएम के अलावा उनके भाई बसंत सोरेन की विधायकी पर भी खतरा मंडरा रहा है। शुक्रवार को झारखंड की राजनीति में बड़ा उथल-पुथल हो सकता है। चुनाव आयोग ने राज्यपाल को सीएम हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले की रिपोर्ट राजभवन भेज दी है।

Pawan Tiwari | Published : Aug 26, 2022 4:18 AM IST

रांची. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर राज्यपाल रमेश बैस आज (शुक्रवार) फैसला ले सकते हैं। चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है, जिस पर फैसला राज्यपाल को लेना है। चुनाव आयोग ने राज्यपाल को सीएम हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले की रिपोर्ट राजभवन भेज दी है। राज्यपाल को गुरुवार को ही इसपर फैसला लेना था लेकिन किसी कारण वश राज्यपाल कल चुनाव आयोग की रिपोर्ट पर फैसला नहीं ले पाए।

वसंत सोरेन की विधायकी पर भी खतरा 
सीएम के अलावा उनके भाई बसंत सोरेन की विधायकी पर भी खतरा मंडरा रहा है। शुक्रवार को झारखंड की राजनीति में बड़ा उथल-पुथल हो सकता है। फैसले के बाद अगर सीएम की कुर्सी जाती है तो उनकी पत्नी कल्पना सोरेन राज्य की अगली मुख्यमंत्री हो सकती है। हेमंत सोरेन के चुनाव लड़ने पर भी रोक लगाया जा सकता है। फिलहाल पूरे राज्य के लोगों की नजर राज्यपाल के फैसले पर टिकी है। आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्यपाल चुनाव आयोग द्वारा भेजी गई रिपोर्ट पर जानकारी देंगे।

देर रात तक विधायकों के साथ बैठक करते रहे सीएम
इधर, मुख्ययमंत्री हेमंत सोरेन रांची में अपने आवास पर 25 अगस्त की देर रात तक अपने विधायकों के साथ बैठक करते रहे। विधायकों ने उन्होंने कई राय लिए। इधर, देर रात कांग्रेस ने भी बैठक बुलाई। जिसमें वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा की गई। सभी विधायकों को रांची में ही रहने को कहा गया है। बैठक के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने बताया कि सोशल मीडिया से जानकारी मिली है कि आयोग ने सीएम की सदस्य रद्द कर दी है। लेकिन ऐसा कोई नोटिस ना तो सीएम को मिला है और ना विधायकों को। 

भाजपा की कई विधायकों पर नजर
झारखंड में राजनीतिक भूचाल के बीच भाजपा भी नजर जमाए हुए है। कई विधायकों पर भाजपा की नजर है। यह वैसे विधायक हैं जो सरकार से असंतुष्ट चल रहे हैं। अगर हेमंत सोरेन अपनी पत्नी को सीएम बनाते हैं तो पार्टी के कुछ विधायक नाराज हो सकते हैं जिसका फायदा भाजपा उठाना चाहेगी इसके अलावा शराब नीति के विरोध में झामुमो के अपने ही विधायक सरकार के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे चुके हैं। कांग्रेस के भी कुछ ऐसे विधायक हैं जो अपनी पार्टी से असंतुष्ट हैं। देर शाम भाजपा कोर कमेटी की बैठक भी हुई। राज्यपाल का फैसला आने के बाद फिर से भाजपा की बैठक बुलाई गई है।

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