गजब! दिल्ली से अंडर गारमेंट्स खरीदने गए थे झारखंड़ सीएम के भाई

झारखंड झामुमो पार्टी विधायक व सीएम हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन ने दुमका हत्याकांड में मृत नाबालिग के परिजनों से भी की मुलाकात। वहां पीड़ित परिवार को दिए 9 लाख रुपए का चैक दिया। वहां मीडिया के सामने दिया विवादित बयान।

Sanjay Chaturvedi | Published : Sep 7, 2022 3:28 PM IST / Updated: Sep 09 2022, 09:47 AM IST

रांची (झारखंड). झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के भाई और विधायक बसंत सोरेन दिल्ली गए हुए थे। उनसे जब दिल्ली जाने का कारण पूछा गया तो उन्होंने अजीबोगरीब बयान दिया। उन्होंने कहा कि मेरे अंडर गारमेंट्स कम हो गए थे, वही खरीदने हम दिल्ली गये थे। विधायक बसंत सोरेन झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के खिजुरिया गांव स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए ये बातें कही। विधायक बसंत सोरेन ने भाजपा नेतओं को भी खरी खोटी सुनाई। पेट्रोल कांड की पीड़िता के परिजनों से मिलने आए भाजपा नेता को उन्होंने निचले दर्जे का नेता बताया। बसंत सोरेन ने कहा कि किसी के घर में मौत हुई है और उसमें वे घटिया राजनीति करने के लिए चौपर से आते हैं और चौपर से चले जाते हैं। 

दुमका में म़ृत नाबालिग के परिजनों से मिले बसंत
दुमका के रानीश्वर प्रखंड की रहने वाली जिस आदिवासी नाबालिग लड़की की यौन शोषण कर हत्या हुई है और शव को पेड़ से लटका दिया गया था उनके परिजनों से मुलाकात की। उनके साथ शिकारीपाड़ा के विधायक नलिन सोरेन भी मौजूद थे। मृतका के परिजनों को नौ लाख रुपये का चेक भी दिया गया। इसके पहले जिला प्रशासन ने भी एक लाख दिए थे। साथ ही आज सुबह बसंत सोरेन दुमका के जरुआडीह मुहल्ले में पेट्रोल कांड की भी पीड़िता के परिजनों से मुलाकात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया। 

बसंत सोरेन ने राजभवन पर भी सवाल खड़े किए
बसंत सोरेन ने राजभवन पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के द्वारा जो भी पत्र आया है उसे अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया। इस तरह की परिस्थितियों से हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने यह भी बताया कि यह पत्र सार्वजनिक होना चाहिए, क्योंकि सभी इसका इंतजार कर रहे हैं। 

सदन में मुख्यमंत्री ने भी भाजपा के नेताओं के झारखंड आने पर उठाए थे सवाल
इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी सदन में भाजपा नेताओं द्वारा अंकिता की मौत के बाद झारखंड आने पर सवाल खड़ा किया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि भाजपा के तीनों ब्राह्मण नेता अंकिता के परिजनों से मिलने आए थे, लेकिन स्थानीय नेता को अपने साथ नहीं ले गए थे। ये लोग राज्य में राजनीति करने आए थे।

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