झारखंड में कोरोना की गाड़ी धीरे धीरे बढ़ रही है। प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे एक सेंपल से ओमिक्रॉम के सब वेरियेंट सेंटॉरस वायरस के लक्षण मिलने की जानकारी मिली है। इसके बाद एक्सपर्ट ने लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा है।
रांची (झारखंड). झारखंड में कोरोना की रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ रही है। इसी बीच जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे एक सैंपल की रिपोर्ट में झारखंड की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, राज्य में कोरोना के सब वैरिएंट सेंटोरस के मिलने की जानकारी मिली है। इसके बाद लोगों की चिंता बढ़ गई है साथ में राज्य में इसको लेकर सावधानी बरतने की भी काफी जरूरत है। इसके मिलने के बाद झारखंड में कोरोना की चौथी लहर के आने की भी आशंका तेज हो गई है।
180 सैंपल की जांच में 114 में नए वैरिएंट मिले
झारखंड में कोरोना के ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट मिलने से एक बार फिर से सावधान होने की जरूरत है। क्योंकि, राज्य में ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट्स 'सेंटोरस' का मिलना खतरनाक साबित हो सकता है। दरअसल, रिम्स में जीनोम सिक्वेंसिंग को भेजे 180 सैंपल की रिपोर्ट में ओमिक्रॉन के इस सब-वैरिएंट का पता चला है। बताया जा रहा है कि इसकी संक्रमण दर यानी फैलने की क्षमता काफी अधिक है। जानकारी के अनुसार 180 सैंपल में से 114 सैंपल में नए सब वैरिएंट का पता चला है।
पहली बार टीका लगा चूके लोगों को भी संक्रमिम कर सकता है नया वैरिएंट
झारखंड में सावधानी बरतने की जरूरत है। विशेषज्ञ ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट के चलते ही चौथी लहर आने की चेतावनी दे चुके हैं। राज्य में मिलने वाला नया वैरिएंट इतना खतरनाक है कि ये उन्हें भी संक्रमित कर सकता है जो पहले से टीका ले चुके हैं। जानकारी के अनुसार इस सब वैरिएंट की अत्यधिक रफ्तार को लेकर केंद्र सरकार ने राज्य को टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ाने कहा है।
लोगों को तीसरा डोज लेने की सलाह
"सेंटोरस'' बीए 2.75 और बीए 2.76 सब-वेरिएंट के संबंध में कहा गया है कि ये इम्यूनिटी को चकमा दे सकता है। यह वैसे लोगों को भी संक्रमित कर सकता है जो पहले कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके हैं। ऐसे में एक्सपर्ट के द्वारा लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे जल्द से जल्द तीसरी डोज ले लें। उनका मानना है कि टीके की वजह से बीमारी की गंभीरता को कम किया जा सकता है।
नए वैरिएंट का नाम सेंटोरस
इस वैरिएंट को BA-2.75 'सेंटोरस' के नाम से जाना जा रहा है। एक्सपर्ट की मानें तो जिस रफ्तार से फैल रहा है इससे यह कोरोना की चौथी लहर का कारण बन सकता है। बताया जा रहा है कि कोरोना का यह रूप इससे पहले कुछ यूरोपियन देशों में भी देखा गया था। यह मेजर इम्यून स्केप वाला हो सकता है, जिसका मतलब यह है कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को आसानी से चकमा देने वाले म्यूटेशन वाला वैरिएंट हो सकता है।
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