झारखंड में प्रीकॉशन बूस्टर डोज के लिए लगी लंबी कतार, लोग हो रहे निराश, इधर संक्रमण ने पकड़ी रफ्तार

झारखंड में कोरोना ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। हालांकि कई लोगों को प्रीकॉशन डोज तो लग चुके है, लेकिन अभी तक सुरक्षा के लिए लगाए जा रहे बूस्टर डोज नहीं लग पाए है, और अब प्रदेश में इसकी शॉर्टेज होने से राज्य की चिंता बढ़ गई है।

Sanjay Chaturvedi | Published : Jul 27, 2022 11:11 AM IST

रांची (झारखंड).झारखंड राज्य में एक तरफ कोरोना का संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है, तो वहीं इसके संक्रमण से बचाने के लिए दी जाने वाली प्रीकॉशन बूस्टर डोज की कमी होने से राज्य की चिंता बढ़ गई है। झारखंड में कोविड-19 के बचाव के लिए दिया जाने वाले बूस्टर डोज के लिए होड़ मच गयी है। बीते दिनों फ्री में प्रीकॉशन डोज देने की घोषणा के बाद से झारखंड में एक बार फिर से वैक्सीन क्राइसिस दिखने लगी है। सरकार के स्वास्थ्य विभाग के वेयर हाउस में दो दिनों से कोविशील्ड वैक्सीन समाप्त हो गया है। दूसरी वैक्सीन जो को-वैक्सीन के नाम से दी जाती है, उसकी भी स्थिति ठीक नहीं है। कभी भी यह दवा समाप्त हो सकती है। 

वैक्सीन एक्सपायर होने से आया संकट
जून 2022 में वैक्सीन के एक्सपायर होने से यह स्थिति उत्पन्न हो गयी है। इसके साथ ही सरकार और लोगों की उदासीनता भी वैक्सीन क्राइसिस की मुख्य वजह है। कोरोना की चौथी लहर को भले ही गंभीरता से न लिया जा रहा हो, लेकिन एक बार फिर बूस्टर डोज लेने के लिए लोगों की कतारें उमड़ने लगी है, स्वास्थ्य विभाग के कुप्रबंधन और दोनों डोज लगाने वालों की संख्या की गलत गणना करने की वजह से वैक्सीन ऑउट ऑफ स्टॉक हो गया है। 

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सदर अस्पताल रांची की स्थिति खराब
सदर अस्पताल रांची की स्थिति सबसे खराब है, यहां वैक्सीन नहीं है। जिन लोगों को कोविशील्ड का पहला डोज लगा है, वे बेरंग वापस लौट रहे हैं। लोगों में भारी निराशा भी है। राज्यभर में को-वैक्सीनेशन का डोज 33760 है। जबकि कोविशील्ड की डोज मात्र 3710 है। नये स्टाक की एक्सपायरी डेट अगस्त 2022 और सितंबर 2022 में समाप्त हो रहा है। जून महीने की हालत यह थी कि वैक्सीन एक्सपायर हो रहे थे, और कोई वैक्सीन लेने वाला नहीं था। 

12 साल से ऊपर बच्चों के लिए कौर-बी वैक्स वैक्सीन का स्टॉक मौजूद 
12 साल से ऊपर बच्चों के लिए कौर-बी वैक्स वैक्सीन का स्टॉक मौजूद है, मगर उस एज ग्रुप के बच्चों की तादाद बहुत कम है। जब तक 10 बच्चे पूरे नहीं हो जाते फाइल तक खोला नहीं जाता, लोगों की रुचि वैक्सीनेशन के प्रति बढ़ी है। वैक्सीनेशन इंचार्ज पुरुषोत्तम शांडिल्य ने बताया कि अभी भी बूस्टर डोज की व्यवस्था कर फौरन तमाम सेंटर में आ रहे लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीनेट करने की जरूरत है क्योंकि दुनिया के कई देशों में जिसमें जापान भी शामिल है। कोरोना वायरस का नया वेरिएंट बड़ी तेजी से सक्रिय हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक बूस्टर डोज से 58% बचाव होता है इम्यूनिटी बूस्ट कर जाती है।

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