झारखंड के राज्यपाल का बड़ा फैसला: CM की विधानसभा सदस्यता रद्द, हेमंत सोरेन के पास है अब ये दो विकल्प

हेमंत सोरेन पर पद के दुरुपयोग का आरोप है। दरअसल, राज्य के पूर्व सीएम रघुवर दास ने इस फरवरी 2022 में दावा किया कि हेमंत ने रांची के अनगड़ा में अपने नाम से पत्थर खदान की लीज ली है और उन्होंने इलेक्शन कमीशन को यह जानकारी छुपाई थी।

Dheerendra Gopal | Published : Aug 26, 2022 2:47 PM IST / Updated: Aug 26 2022, 08:18 PM IST

रांची. झारखंड में सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ गवर्नर रमेश बैस ने फैसला सुनाया है। राज्यपाल ने विधानसभा की सदस्यता को रद्द कर दिया है। बता दें कि इससे चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी और चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करने का फैसला राज्यपाल पर छोड़ा था। इस मामले में उन्होंने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से राय मांगी थी। 

अब हेमंत सोरेन के पास क्या विकल्प

राज्यपाल ने हेमंत सोरेन की की विधानसभा की सदस्यता को रद्द किया है। ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। अगर विकल्पों की बात करें तो राज्यपाल के फैसले के बाद हेमंत सोरेन एक बार फिर से सीएम बन सकते हैं। इस्तीफा देने के बाद वो सीएम पद की शपथ ले सकते हैं लेकिन उन्हें 6 महीने के अंदर फिर से विधानसभा का सदस्य बनाना होगा। 

कोर्ट भी जा सकते हैं हेमंत सोरेन

राज्यपाल के फैसले के बाद हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटा सकते हैं। लेकिन इससे पहले उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा क्योंकि इसे मामले में कोर्ट उन्हें तुरंत स्टे मिल पाना संभव नहीं है। 

क्या है मामला

हेमंत सोरेन पर पद के दुरुपयोग का आरोप है। दरअसल, राज्य के पूर्व सीएम रघुवर दास ने इस फरवरी 2022 में दावा किया कि हेमंत ने रांची के अनगड़ा में अपने नाम से पत्थर खदान की लीज ली है और उन्होंने इलेक्शन कमीशन को यह जानकारी छुपाई थी। इसके बाद राज्यपाल से बीजेपी ने पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव एक्ट 1951 उल्लंघन बताते हुए उनकी विधायकी रद्द करने की मांग की थी। इसके बाद गवर्नर ने इस मामले में चुनाव आयोग से राय मांगी थी। इस मामले में चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन से लिखित जवाब मांगा था इसके बाद कार्रवाई करते हुए राज्यपाल को अपनी राय का सील बंद लिफाफा सौंपा था।

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