झारखंड सरकार की आत्मनिर्भर योजना... केंद्र ने पीएम आवास के पैसे नहीं दिए तो राज्य सरकार ने लिया बड़ा निर्णय

 केंद्र से पीएम आवास के लिए पैसे नहीं मिलने पर राज्य के हर पंचायत में सामुदायिक भवन बनाएगी झारखंड सरकार। प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने सीएम हेमंत सोरेन से मिलकर इसकी पूरी योजना बनाने की बात बोली। 

रांची (झारखंड). केंद्र की लोक कल्याणकारी पीएम आवास योजना के तहत गरीबों के लिए घर बनाने की योजना है। इसके लिए केंद्र सरकार सभी राज्यों को पैसे देती है। केंद्र की तरफ से जब इस बार झारखंड सरकार को पीएम आवास बनाने के लिए पैसे नहीं दिए गए तो झारखंड सरकार ने आत्मनिर्भर बनने का निर्णय लिया। झारखंड की सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए कहा कि हब राज्य की सरकार हर पंचायत में गरीबों के लिए सामुदायिक भवन का निर्माण करेगी। इससे गांव के लोगों की जरूरते पूरी होगी। 

ग्रामीण विकास मंत्री इस पर सीएम से मिलकर बनाएंगे योजना 
झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम द्वारा बताया गया कि राज्य की हर पंचायत में सामुदायिक कार्यों को ध्यान में रखते हुए  झारखंड के हर एक गांव में सामुदायिक भवन बनाने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहां की ग्रामीणों के आवश्यकताओं को देखते हुए इस पर विचार किया जा रहा है। साथ ही इस सिलसिले में उनकी मुख्यमंत्री से बात चीत भी हुई है। हालांकि विस्तृत रूप से मुख्यमंत्री से बात कर आवश्यक निर्णय लिया जाएगा। 

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बजट में रखे पैसे का किया जाएगा इस्तेमाल
ग्रामीण मंत्री ने कहा कि केंद्र ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इस साल राशि रोक दी है। जबकि राज्य सरकार ने ग्रामीणों की जरूरत के हिसाब से प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए हर लाभुक को अतिरिक्त 50 हजार रुपए अपनी ओर से देने के लिए बजट में प्रावधान रखा है, ताकि जरूरतमंद ग्रामीण उस राशि से एक अतिरिक्त कमरे का निर्माण कर सकें। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा पीएम आवास योजना के लिए इस वित्तीय वर्ष में राशि नहीं दिए जाने के कारण राज्य सरकार द्वारा बजट में रखा गया पैसा भी खर्च नहीं हो पा रहा है। इस मामले में भी वे मुख्यमंत्री से बात कर वैकल्पिक व्यवस्था पर मंथन करेंगे, ताकि किसी न किसी रूप में ग्रामीणों को लाभ मिल सके।

ग्रामीणों के विकास के लिए समर्पित है सरकार : मंत्री 
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि उन्होंने कहा भी है कि उनकी सरकार गांव और ग्रामीणों के विकास के लिए समर्पित है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी जनसंख्या काफी बढ़ गई है और वहां लोगों का जीवन स्तर भी बढ़ा है। सामुदायिक भवन के निर्माण से ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ होगा और वे लोग अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वाह इसके माध्यम से कर सकेंगे। शादी व अन्य कार्यक्रम वहां से किए जा सकेंगे। सामुदायिक भवन का उपयोग बहुउद्देशीय भवन के रूप में किया जा सकेगा।

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