झारखंड की राजनीति हलचल पर MP निशिकांत दुबे का बड़ा बयान, कहा- 3 बसों से विधायकों को छत्तीसगढ़ ले जा रहा झामुमो

झारखंड में सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर अभी तक फैसला नहीं आया है। वहीं यूपीए की मीटिंग के बाद सभी विधायक सीएम के साथ नेतरहाट के लिए रवाना हुए है। वहीं पूरे  मामले पर बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी बोले- हर घटना पर हमारी पैनी नजर है।

Sanjay Chaturvedi | Published : Aug 26, 2022 10:44 AM IST / Updated: Aug 26 2022, 04:57 PM IST

रांची (झारखंड). झारखंड में राजनीति संकट के बीच बीजेपी पूरे घटनाक्रम को लेकर काफी एक्टिव नजर आ रही है। राज्य में हो रही राजनीतिक हलचल पर उनकी पैनी नजर है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ताजा खुलासा किया है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों को तीन बसों से छत्तीसगढ़ ले जाया जा रहा है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि राज्य में मध्यावधि चुनाव ही एकमात्र विकल्प है। सदस्यता जाने के बाद हेमंत सोरेन किसी को भी मुख्यमंत्री बना सकते हैं। पत्नी क्या, अगर हेमंत सोरेन चाहें तो दाऊद इब्राहिम या प्रेम प्रकाश जिनके यहां एके 47 पकड़ा गया उन्हें भी मुख्यमंत्री बना सकते हैं। ये उनकी मर्जी होगी कि वो विधायकी रद्द होने के बाद क्या करेंगे। 

चुनाव अच्छा विकल्प, वर्तमान सरकार को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं
बीजेपी सांसद ने कहा कि झारखंड में बड़ा संवैधानिक संकट पैदा होने वाला है। लिहाजा बीजेपी मध्यावधि चुनाव चाहती है। उन्होंने दावा किया कि झारखंड से विधायक तीन बसों से छत्तीसगढ़ के बारामूदा ले जाए जा रहे हैं। उनको अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है। बीजेपी सांसद ने कहा कि सभी विधायक परेशान हैं। मेरे इलाक़े में 4 बीजेपी के और बाक़ी उनके ही हैं। ये सभी विधायक रोते रहते हैं। निशिकांत दूबे ने तंज कसते हुए कहा कि जब काम नहीं करोगे और करपशन करोगे तो यही होगा। विधायकों को छत्तीसगढ़ ले जाना पड़ेगा। वहीं निशिकांत दुबे ने कहा कि हेमंत सोरेन लातेहार या स्विट्जरलैंड जा साकते हैं क्यों कि उनके पास चुनाव से पहले 6 महीने का समय होगा। मुझे यकीन है कि उनकी सदस्यता रद्द होगी। हालांकि थोड़ी देर में राज्यपाल का फैसला आ जाने के बाद तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी। 

छह महीने के भीतर दोबार चुनाव संभव नहीं
निशिकांत दुबे ने कहा वर्तमान परिस्थिति में सबसे अच्छा विकल्प मध्यावधि चुनाव है। उन्होंने कहा कि एक बार सदस्यता जाने पर जब तक हेमंत सोरेन दोबारा सदस्य नहीं बन जाते हैं तब तक दोबारा वह मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं ले सकते हैं। वहीं वह अगर गैर विधायक को मुख्यमंत्री बनाते हैं तो दूसरा संवैधानिक संकट खड़ा हो सकता है। क्योंकि 6 महीने के भीतर चुनाव कराना सम्भव नहीं है, क्योंकि 5 जनवरी तक वोटर लिस्ट का रिवीज़न चल रहा है। उसके बाद तीस दिन तक समय लगेगा जिनका नाम छूटेगा और जुड़ेगा, उसमें समय लगेगा। यानी 5 फरवरी तक नोटिफ़िकेशन सम्भव नहीं होगा। यदि बाहर का आदमी होगा तो फिर एक संवैधानिक संकट खड़ा होगा। अगर 6 महीने के भीतर तीन चार मुख्यमंत्री बन जाए तो हमें आश्चर्य नहीं होगा। 

हर गतिविधि पर पार्टी की नजर : बाबूलाल मरांडी 
झारखंड में हो रहे राजनीतिक उथलपुथल को लेकर सत्ता पक्ष के साथ साथ विपक्ष भी नजर बनाए हुए है। बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हर गतिविधि पर पार्टी की नजर बनी हुई है। राजभवन में पड़े बंद लिफाफे से जो भी निकलकर आएगा उसके बाद हमारी पार्टी अपने स्तर से विचार करेगी। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के द्वारा किए गए ट्वीट को लेकर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अगर वो कह रहे हैं तो उन्हें कहीं से जानकारी मिली होगी, झारखंड मुक्ति मोर्चा अगर अपने विधायकों को कहीं ले जा रही है तो यह उनकी अपना राय है।

यह भी पढ़े- यूपीए की बैठक के बाद नेतरहाट रवाना हुए सीएम हेमंत, शाम को फिर होगी मीटिंग, महागठबंधन ने दिखाई एकजुटता

Share this article
click me!