झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य के बीजेपी के 16 विधायक के संपर्क में रहने की बात पर बीजेपी ने पलटवार किया है। झारखंड में किसी भी दल के पास पूर्णबहुमत नहीं है। JMM को कांग्रेस का समर्थन हासिल है।
रांची. झारखंड में राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई हैं। बीते दिनों सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के ट्विटर हैंडल की प्रोफाइल फोटो बदल कर पूछा गया था कि "हेमंत नहीं तो कौन'। इस पर राजनीतिक विशेषज्ञों में ने अपनी अलग-अलग राय रखी। इसके बाद झामुमो के वरिष्ठ नेता ने अपने बयान से हलचल मचा दी है। उनका कहना है कि झारखंड के बीजेपी में भी एकनाथ शिंदे हैं, जो बगावत कर सकते हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में क्रास वोटिंग
दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव में हुए क्रॉस वोटिंग के बाद अपनी ही सरकार से कांग्रेस विधायकों की नाराजगी चर्चा का केंद्र बनी हुई है। इस बीच झामुमो ने भी भाजपा विधायकों के अपने ही प्रदेश नेतृत्व से नाराजगी और झामुमो के संपर्क में होने की बात कहकर हलचल मचा दी है। झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य का कहना है कि भाजपा के 16 विधायक पार्टी से नाराज हैं, और वे हेमंत सरकार के संपर्क में हैं। नाराज विधायकों का नेतृत्व महाराष्ट्र की तर्ज पर प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक कर रहे हैं।
बीजेपी के 16 विधायक संपर्क में
झामुमो नेता ने कहा, प्रदेश में भाजपा की जो कार्यशैली है, वह किसी से छिपी नहीं है। भाजपा प्रदेश नेतृत्व और उनके विधायक दल के स्वंयभू नेता से 16 विधायक काफी नाराज हैं। नाराजगी भी इतनी कि सभी 16 विधायकों ने झामुमो से आग्रह किया है कि एक ग्रुप के तहत उन्हें अपने दल में शामिल कर लें। सुप्रियो ने कहा, नाराज विधायकों में कुछ को महाराष्ट्र की तरह राजनीति करने में महारथ हासिल है। झामुमो ने भी इसपर गंभीरता से विचार करने का मन बनाया है। अगर भाजपा के 16 विधायक चाहते हैं कि वे राज्य सरकार का समर्थन करेंगे, तो हम उनका स्वागत करेंगे।
आाधिकारिक प्रस्ताव के बाद विचार करेंगे
जब सुप्रियो भट्टाचार्य से पूछा गया कि नाराज विधायकों में ‘एकनाथ शिंदे’ कौन है, तो उन्होंने कहा, वे भाजपा के एक वरिष्ठ और कई टर्म से जीतने वाले विधायक हैं। नाराज विधायकों का आधिकारिक तौर पर प्रस्ताव झामुमो को मिलेगा, तो उसपर उचित निर्णय लिया जाएगा।
झारखंड का सियासी समीकरण
पिछले विधानसभा में झारखंड में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल। ऐसे में यहां गठबंधन की सरकार है। दल-बदल होने पर यहां भी महाराष्ट्र जैसा सत्ता परिवर्तन संभव है। बता दें कि 81 चुने हुए विधायकों वाली झारखंड विधानसभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 30 और भारतीय जनता पार्टी के 26 विधायक हैं। किसी भी सरकार को चलाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 41 है। फिलहाल झामुमो की सरकार को कांग्रेस के 18 विधायकों का समर्थन है।
बीजेपी का पलटवार
झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य के बीजेपी के 16 विधायक के संपर्क में रहने की बात पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी के प्रदेश महामंत्री प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झामुमो का यह बयान हास्यास्पद है। उन्हें पहले अपने आस्तित्व को बचाने की चिंता करनी चाहिए। भ्रष्टाचार के कारण उनकी पार्टी खत्म होने की कगार पर है। झामुमो गलत बयानी कर रही है। इसके बाद सोशल मीडिया पर बीजेपी ने दो बयान जारी किए, कहा- झामुमो लूट-खसोट वाली राजनीति करती है। सिर्फ झूठ और भ्रम फैलाती है। झामुमो के अपने विधायक सीता सोरेन और लोबिन हेम्ब्रम ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार से सवाल कर रही है।
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