झारखंड में राजनीतिक घमासान जारी, हंगामेदार होगा 29 जुलाई से शुरू होने वाला मानसून सत्र

झारखंड के विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार 29 जुलाई से शुरू  होने जा रहा है। इसके चलते सभी राजनेता सोशल मीडिया पर एक्टिव हो गए है, और एक-दूसरे पर लगा रहे है आरोप।

Sanjay Chaturvedi | Published : Jul 28, 2022 1:28 PM IST

रांची (झारखंड). 29 जुलाई यानि कल से शुरू होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र हंगामादार होने वाला है। राज्य के सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनेां एक-दूसरे पर हमला बोलने के मूड में दिख रही है। विपक्ष सरकार को भ्रष्टाचार, अवैध खनन, पेंशन और अन्य मामलों पर घेरने की तैयारी में है। इससे पहले राजनीतिक दलों द्वारा एक-दूसरे के विधायकों के संपर्क में होने की बात कहने के बाद से राज्य की राजनीति में सियासी भूचाल मची हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देवघर आने के बाद से पूर्व सीएम और बीजेपी के नेता बाबूलाल मरांडी तीन बार दिल्ली जा चुके हैं। बीजेपी के केंद्रीय नेताओं से लगातार संपर्क कई प्रकार की अटकलबाजियों को जन्म दे रहा है। 

ट्वीटर पर एक-दूसेरे को घेरते नजर आ रहे राजनेता
16 बीजेपी विधायक के संपर्क में होने के बयान के बाद राज्य में राजनीतिक हमले तेज हो गए है। सोशल मीडिया के माध्यम से राजनेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे है। बीजेपी की तरफ से भी निशिकांत दुबे और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी समेत विधायक भानू प्रताप शाही ने भी ट्वीट कर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। झामुमो के बयानबाजी के बाद बीजेपी का भी यह बयान आया कि झामुमो के 21 विधायक पार्टी के संपर्क में हैं। कुल मिला कर कहा जाये, तो राजनीतिक परिस्थिति की नाजुक स्थिति पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी ध्यान रख रहे हैं। मनोवैज्ञानिक तरीके से इस लड़ाई को सोशल मीडिया प्लैटफार्म में भी लड़ा जा रहा है। 

ईडी की कार्रवाई पर, सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश
राज्य में सीएम के करीबियों के खिलाफ ईडी की कार्रवाई के बाद विपक्ष को मौका मिल गया है। विपक्ष अब सरकार को ईडी के मुद्दों पर घरेने लगी है। राजेनता अलग-अलग बयान देकर सरकार पर हमला बोल रहे हैं। इसी क्रम में बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि झामुमो महासचिव पंकज मिश्रा के जेल जाने के बाद पार्टी बौखला गई है। झामुमो के 21 विधायक बगावत करने वाले हैं। मुख्यमंत्री के परिवार में ही बगावत है, इसलिए ख्याली पुलाव पका रहे हैं। भाजपा चोरों की जमात व भ्रष्टाचारी पार्टी से लड़ रही है। भाजपा आॅफिस का मच्छर भी झामुमो से नफरत करता है।

राज्य के नौकरशाहों में भी ईडी का डर
झारखंड में ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी और कार्रवाई के बाद नौकरशाह भी फूंक-फूंककर कदम रख रहे हें। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार साहेबगंज के कारोबारी पंकज मिश्रा को ईडी की तरफ से गिरफ्तार किये जाने पर राज्य में खनन घोटाले को सार्वजनिक कर रहा है। ईडी के सूत्रों से जो बातें छन कर सामने आ रही हैं, उससे वन एवं पर्यावरण विभाग, पथ निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास विभाग तथा ऊर्जा विभाग के टेंडरों के मैनेज करने का संगठित गिरोह भी बेनकाब होने की तरफ है। 

गरीबों, आदिवासियों को गोलबंद करने की कोशिश में सरकार
दिसंबर 2019 में बनी हेमंत सोरेन की सरकार गरीबों, आदिवासियों एवं वंचितों को अपनी पार्टी के पक्ष में गोलबंद करने की कोशिश में लगी हुई है। हाल ही में सरकार द्वारा की गई घोषणाएं एवं लागू की गई योजनाओं से तो ऐसा ही लगता है। इसी क्रम में सरकार सर्वजन पेंशन योजना लेकर आई जो काफी लोकप्रिय रही। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कैबिनेट में एक किलो दाल देने की भी घोषणा की है। नयी दिल्ली में झारखंड पर्यटन नीति 2021 की घोषणा भी की गयी। 

ढाई वर्षों में कई राजनीतिक गतिविधियों का करना पड़ा सामना
हेमंत सोरेन सरकार को ढाई वर्षों में कई तरह की राजनीतिक गतिविधियों का सामना करना पड़ रहा है। हेमंत सोरेन की सरकार झामुमो के घोषणापत्र को धरातल पर उतारने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है। शायद यही कारण है कि बिना किसी स्पष्ट रूप रेखा के पेंशन योजना को लागू करने का प्रस्ताव कैबिनेट से पास करा दिया गया है। इस पर मुख्य सचिव ने भी अपनी टिप्पणी की थी। बाद में विकास आयुक्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति भी बनायी गयी है।


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