रांची के सीनियर वकील राजीव कुमार की बढ़ी मुश्किलें, बंगाल पुलिस की डिटेक्टिव टीम ने की रेड, कई अहम सबूद बरामद

रांची के सीनियर वकील राजीव कुमार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को बंगाल से रांची आई पुलिस की डिटेक्टिव टीम ने उनके दो जगहों पर रेड करके कई अहम सबूत बरामद किए है। उनके इस काम में झारखंज पुलिस भी साथ रही...

रांची (झारखंड). शेल कंपनी मामले में ब्लैकमेलिंग करने के आरोप में जेल में बंद अधिवक्ता राजीव कुमार के खिलाफ जांच कर रही कोलकाता पुलिस की डिटेक्टिव टीम अपने पूरे एक्शन में नजर आ रही है। शुक्रवार को बंगाल पुलिस रांची पहुंची। अधिवक्ता राजीव कुमार के रांची स्थित दो ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में कोलकाता से गिरफ्तार हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता राजीव कुमार के रांची स्थित दो ठिकानों से कई डिजिटल उपकरण सहित अन्य दस्तावेज बरामद हुए। करीब 10 घंटे चले इस छापेमारी में पुलिस को कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। इस छापेमारी में रांची पुलिस भी डिटेक्टिव टीम के साथ मौजूद थी। बता दें, पिछले दिनों कोलकाता पुलिस ने ब्लैक मेलिंग के आरोप में राजीव कुमार को 50 लाख के साथ गिरफ्तार किया था। 

अमित अग्रवाल ने अधिवक्ता पर दर्ज कराई थी प्राथमिकी
अमित अग्रवाल नामक व्यवसायी ने अधिवक्ता राजीव कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस पूरे मामले में राजीव कुमार 6 दिनों की रिमांड पर भी हैं। कोलकाता पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है। इसी सिलसिले में पश्चिम बंगाल की डिटेक्टिव टीम के द्वारा रांची स्थित राजीव कुमार के दो ठिकानों पर छापेमारी की गई। टीम ने अरगोड़ा थाना स्थित उनके आवास और टूपुदाना ओपी इलाके स्थित उनके भाई के राइस मिल पर जांच की। इस टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर सैकत चन्दा कर रहे थे और इस टीम में कुल 10 सदस्य मौजूद थे। इस दौरान इस टीम के साथ झारखंड पुलिस भी मौजूद रही। 

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यह है मामला 
बता दें, रविवार 31 जुलाई देर शाम कोलकाता के हैरिसन मॉल से कोलकाता पुलिस के हेयर स्ट्रीट थाने के एंटी राउडी स्क्वायड ने अधिवक्ता राजीव कुमार को हाईकोर्ट में लंबित जनहित याचिका को निपटाने के एवज में पचास लाख रुपए लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। यहा पूरा मामला ब्लैकमेल करने से जुड़ा था। उनके पास से उस समय 50 लाख रुपये भी मिले थे। तत्पश्चात स्टेट बार काउंसिल और झारखंड एडवोकेट एसोसिएशन ने सोमवार इसका विरोध करते हुए हाईकोर्ट में पूरे न्यायिक कार्य को बाधित रखा था और मामले मे एक हेवियस याचिका दर्ज की थी। 

शेल कंपनी के मामले में किया जा रहा था ब्लैकमेल 
हालांकि सोमवार को न्यायाधीश एस चंद्रशेखर एवं रत्नाकर भेंगरा ने उनकी याचिका पर यह कहते हुए सुनवाई नहीं की आप पूरे न्यायिक कार्य को बाधित कर एक विशेष मामले की सुनवाई को लेकर पैरवी कैसे कर सकते हैं। हालांकि वह हेबियस कार्पस याचिका मुख्य न्यायधीश की खंडपीठ में मंगलवार को सूचीबद्ध हुई। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए बताया कि पश्चिम बंगाल की कोलकाता पुलिस ने सोमवार को ही कोलकाता के सिटी एवं सेशन कोर्ट में सुपुर्द कर 6 दिनों का रिमांड ले लिया है ऐसे में यह हेवियस कार्पस याचिका  पर सुनवाई नहीं बनती। मामले में एफआईआर दर्ज कराने वाले अमित अग्रवाल ने पुलिस को बताया था कि शेल कंपनी के मामले में उन्हें  ब्लैकमेल किया जा रहा था।

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