23 हजार वोटों से जीत दर्ज करने वाली शिल्पी नेहा तिर्की ने पढ़ाई में मार्केटिंग कम्युनिकेशन में पीजी किया हुआ है। इसके अलावा वह इससे पहले एक निजी कंपनी में ब्रांडिंग का काम देखती थीं। मांडर विधानसभा का चुनाव जीतते ही शिल्पी नेहा तिर्की झारखंड की सबसे कम उम्र की विधायक बन गई हैं।
रांची: झारखंड की सबसे कम उम्र की मांडर विधानसभा की नवनिर्वाचित एमएलए शिल्पी नेहा तिर्की ने सोमवार को झारखंड विधानसभा में शपथ ग्रहण किया। विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर उनके पिता पूर्व विधायक बंधु तिर्की भी मौजूद रहे। मांडर विधानसभा से उप चुनाव में विजयी हुई शिल्पा नेहा तिर्की सोमवार को पहली बार विधानसभा पहुंची।
29 साल इस लेडी विधायक ने अंग्रेजी में ली शपथ
शपथ दिलाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने शिल्पी नेहा तिर्की को आशीर्वाद भी दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने अपने कक्ष में उन्हें शपथ दिलाई। उन्होंने अंग्रेजी में शपथ ली। वे 29 साल की है। नवनिर्वाचित एमएलए ने कहा कि लोगों को उनसे काफी उम्मीदें हैं। वे लोगों की हर उम्मीदों पर खरा उतरेंगी। पिता का सहयोग लेकर जन सेवा करेंगी। शपथ दिलाने के दौरान कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर समेत अन्य भी मौजूद रहे।
23 हजार से अधिक वोटों से जीता था उपचुनाव चुनाव
शिल्पी नेहा तिर्की पूर्व विधायक बंधु तिर्की की बेटी है। मांडर विधानसभा में हुए उपचुनाव में शिल्पी नेहा तिर्की ने भाजपा की प्रत्याशी गंगोत्री कुजूर को 23 हजार से अधिक वोटों से हराया था। शिल्पी नेहा तिर्की ने मार्केटिंग कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। विधायक बनने से पहले वह एक निजी कंपनी में ब्रांडिंग का काम देखती थी। शिल्पी नेहा तिर्की ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी की गंगोत्री कुजूर को 23,517 वोटों के अंतर से पराजित किया था। उनके एमएलए बनने से झारखंड में कांग्रेस के पास अब महिला विधायकों की संख्या 5 हो गई है।
पिता 2005, 2009 और 2019 में जीत चुके हैं चुनाव
शिल्पी नेहा तिर्की के पिता बंधु तिर्की तीन बार मांडर से विधानसभा चुनाव जीत चुके है। वर्ष 2014 में बंधु तिर्की भाजपा की गंगोत्री कुजूर से पराजित हो गये थे। वर्ष 2019 में झाविमो के टिकट से चुनाव लड़ते हुए बंधु तिर्की ने भाजपा प्रत्याशी देव कुमार धान को 23,128 मतों से पराजित कर दोबारा एमएलए बने थे। चुनाव जीतने के बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे। राजगठन के बाद से ही बंधु तिर्की का मांडर विधानसभा क्षेत्र में दबदबा रहा है।