केजरीवाल की तरह खुद से विश्वास मत पारित कर सकते हैं झारखंड सीएम हेमंत सोरेन, वहीं UPA ने राज्यपाल से मांगा समय

झारखंड में सियासी बवाल अभी भी जारी है। वहीं गुरुवार के दिन प्रदेश सुप्रीमो हेमंत सोरेन कैबिनेट मीटिंग करने वाले है। इसके साथ ही कयास लगाए जा रहे है कि वे भी दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तर्ज पर राज्य में विश्वास प्रस्ताव ला सकते है।

Sanjay Chaturvedi | Published : Sep 1, 2022 9:59 AM IST / Updated: Sep 01 2022, 03:40 PM IST

रांची (झारखंड). झारखंड में सियासी बवाल के बीच आज यूपीए के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन से मिलने का समय मांगा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और आरजेडी के नेताओं के साथ राज्य के मंत्री और विधायक भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहेंगे। एक तरफ आज यूपीए ने राजभवन से समय मांगा है, वहीं दूसरी तरफ हेमंत सरकार कैबिनेट मिटिंग करने वाली है। कयास लगाए जा रहे हैं कि बैठक में अहम फैसले लिए जा सकते हैं। यही नहीं जानकारों का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरह हेमंत सोरेन भी खुद से विधानसभा में विश्वास मत पारित कर सकते हैं। झारखंड सरकार राजभवन पर दबाव बनाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र भी बुला सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि कैबिनेट मिटिंग के बाद विशेष सत्र की घाेषणा हो सकती है। 

मिटिंग के लिए सभी मंत्रियों को रांची बुलाया गया
आज होने वाली झारखंड सरकार की कैबिनेट मिटिंग के लिए सभी मंत्रियों को रांची बुला लिया गया है। झामुमो के मंत्री पहले से ही रांची में मौजूद हैं। कांग्रेस के 4 मंत्री जो किरायपुर में मौजूद हैं उन्हें भी बुलाया लिया गया है।
 
बीते दिनों अरिवंद केजरीवाल ने किया था विश्वास मत पारित
विधायकों की खरीद फरोख्त की खबर आते ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बीते दिनों विशेष सत्र बुलाया और विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया था। इस दौरान विपक्ष में बैठी भाजपा के विधायकों को विधानसभा से मार्शलों की मदद से बाहर कर दिया गया है। विशेष सत्र में केजरीवाल ने कहा था कि विश्वास मत इसलिए लेकर आए हैं क्योंकि आम आदमी पार्टी का एक एक विधायक कट्टर ईमानदार है। इनका ऑपेरशन लोटस महाराष्ट्र, कर्नाटक, एमपी में पास हो गया, लेकिन दिल्ली में फेल हो गया।
 
क्या होता है विश्वास प्रस्ताव
विश्वास प्रस्ताव सरकार द्वारा दो स्थितियों में लाई जाती है। पहली स्थिति में सरकार के गठन के समय बहुमत परिक्षण के लिए करती है और दूसरी स्थिति में केंद्र में राष्ट्रपति या राज्य में राज्यपाल के कहने पर। विश्वास प्रस्ताव सत्ता पक्ष विधानसभा में लाती है। केंद्र में प्रधानमंत्री और राज्य में मुख्यमंत्री विश्वास प्रस्ताव पेश करते हैं। सरकार के बने रहने के लिए विश्वास प्रस्ताव का पारित होना जरूरी होता है। प्रस्ताव पारित नहीं हुआ तो सरकार गिर जाएगी।

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चार बजे राज्यपाल से मिलेगा यूपीए के प्रतिनिधि मंडल, राजभवन से मिला समय
ताजा जानकारी के अनुसार राज्य में मची सियासी घमासान के बीच यूपीए प्रतिनिधि मंडल को राजभवन से राज्यपल से मुलाकात करने का समय मिल गया है।वह गुरुवार शाम चार बजे राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात करेगा।  इसकी जानकारी झामुमो नेता विनोद पांडेय ने दी है। इधर यूपीए का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलकर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग द्वारा भेजे गए रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग करेगा। प्रतिनिधि मंडल में झामुमो, कांग्रेस और राजद के नेता शामिल रहेंगे। जानकारी हो कि सीएम के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग से अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी है। रिपोर्ट के अनुसार सीएम की विधायकी रद्द कर दी गई है। लेकिन इसकी आधिकारिक कोई पुष्टि नहीं की गई है।

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