झारखंड में सियासी हलचल के बीच सीएम का बयान...संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग लोकतंत्र की नींव पर गहरा कुठाराघात

झारखंड में चुनावी हलचल का दौर जारी है। प्रदेश में सीएम की सदस्यता पर कभी भी फैसला आ सकता है। इसके बीच प्रदेश सुप्रीमों ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने चुनाव आयोग की रिपोर्ट अभी सील है, लगता है भाजपा के सांसदों ने ही इसे तैयार किया है।

Sanjay Chaturvedi | Published : Aug 25, 2022 9:55 AM IST

रांची (झारखंड). झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी जाने की खबर आग की तरह फैल गई है। अरगोड़ा माइंस लिज मामले में निर्वाचन आयोग ने अपना फैसला राज्यपाल को भेज दिया है। फैसला क्या है, किसी को नहीं पता। लेकिन सभी कयास लगा रहे हैं कि सीएम की कुर्सी खतरे में है। इसी बीच राज्य के मुख्यमंत्री का पहला बयान आया है। उन्होंने कहा कि ‘ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा के एक सांसद और भाजपा समर्थित पत्रकारों सहित अन्य भाजपा नेताओं ने स्वयं चुनाव आयोग की रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया है। जो वास्तव में एक सीलबंद कवर रिपोर्ट है। भाजपा द्वारा संवैधानिक संस्थाओं का यह घोर दुरुपयोग और एक शर्मनाक तरीके से उनका पूर्ण अधिग्रहण देश के लोकतंत्र की नींव पर गहरा कुठाराघात है। वहीं राज्यपाल रमेश बैस भी रांची पहुंच चुके हैं। रांची पहुंचने के बाद इस मामले पर राजयपाल ने कहा कि फिलहाल उन्हें इस विषय में कोई जानकारी नहीं है। 

सीलबंद लिफाफे को सार्वजनिक करना क्रिमिनल ऑफेंस
झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा राज्यपाल को भेजे सीलबंद लिफाफे को अगर कोई सांसद सार्वजनिक करने का दावा करता है, तो यह क्रिमिनल ऑफेंस है। उन्होंने कहा  कि सरकार पूरी तरह से स्थिर है। हेमंत सरकार को कोई खतरा नहीं है। 

चुनाव आयोग या राज्यपाल से  सीएमओ को कोई पत्र नहीं मिला- आलमगीर आलम 
सीएम से पहले कांग्रेस नेता सह मंत्री आलमगीर आलम ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि कई मीडिया रिपोर्टों में यह खबर प्रकाशित की जा रही है कि चुनाव आयोग ने सीएम को विधायक के रूप में उनकी अयोग्यता की सिफारिश’ को लेकर फैसला सुनाया है। हालांकि इस संबंध में चुनाव आयोग या राज्यपाल से  सीएमओ को कोई पत्र नहीं मिला है। 

सीएम आवास में यूपीए के विधायकों की आवाजाही शुरू 
बता दें कि गुरुवार सुबह चुनाव आयोग का पत्र राजभवन पहुंचते ही सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गयी है। सीएम आवास में भी कांग्रेस और जेएमएम विधायकों का आना- जाना शुरू हो गया है। सीएम आवास में झामुमो कोटे के मंत्री जगन्नाथ महतो, झारखंड विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के सचेतक मथुरा महतो भी पहुंचे हुए है। इससे पहले मंत्री आलमगीर आलम और मंत्री हफिजुल अंसारी भी गये थे।

यह भी  पढ़े- झारखंड की राजनीति में बवाल...निर्दलीय विधायक सरयू राय ने दिया संकेत, तीन साल के लिए जा सकती है सीएम की सदस्यता

Share this article
click me!