झारखंड में ठग किसी दूसरें के नाम की फर्जी सिम का इस्तेमाल कर वारदात को अंजाम दे रहे है। भोले-भाले लोगों को उसी से कॉल सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर ठग रहे है। आज ही चेक करें आपके नाम से कितने नंबर चालू है....
रांची (झारखंड). राज्य में साइबर क्राइम इतना बढ़ गया है कि भाले-भाले और अशिक्षित लोग तो छोड़िए, शिक्षित लोग यहां तक की अफसर और अधिकारी भी ठगों के झांसे में आकर अपना नुकसान करा रहे हैं। हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें ठगों ने सरकारी अफसरों के पैसों को ठगा। पुलिस के खुलासे के अनुसार अब साइबर क्रिमिनलों के निशाने पर गांव के भोले-भाले और अशिक्षित लोग है। सरकारी योजना का लाभ देने के नाम पर ग्रामीणों को गुमराह कर उन्हें झांसा देते हुए उनके नाम पर सिम जारी किया जा रहा है। फिर उसे अपराधियों को महंगी कीमतों मे बेचा जाता है, जिसकी डिमांड भी काफी है। कुछ सिम विक्रेता भी महज कुछ पैसों के लिए इस काम में गिरोह का साथ देते है।
फर्जी सिम लेकर थ्रेट कॉल कर रहे अपराधी
झारखंड की राजधानी रांची में इन दिनों फर्जी दस्तावेज पर एक्टिवेटेड सिम पुलिस और साइबर सेल के लिए बड़ी चुनौती बन बन गए हैं। दरअसल साइबर अपराधी इन फर्जी सिम का इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रहे हैं। वहीं संगठित गिरोह के अपराधी भी इनमें एक्टिवेट सिम का ईस्तेमाल कर थ्रेट कॉल कर रहे हैं। हाल के दिनों में अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ है।
कैसे जारी होता है फर्जी सिम
फर्जी सिम का इस्तेमाल पहले भी काफी किया जाता था, जिसे देखते हुए ट्राइ ने नियमों को सख्त किया था। इसके बाद से काफी हद तक फर्जी सिम का इस्तेमाल बंद हो गया। लेकिन, हाल के दिनों में सिम एक्टिवेट करने की नई प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इसके तहत भोले भाले लोगों को मोहरा बनाया जाता है जो SIM लेने के लिए स्टॉल तक पहुंचते है और उन्हें एक SIM तो इश्यू किया जाता है। लेकिन उसके साथ ही 2 से 3 अन्य फर्जी सिम भी उनके नाम पर इश्यू कर दिया जाता है जिसकी जानकारी संबंधित व्यक्ति को नहीं होती और ये SIM अपराधियों तक पहुंच जाते है।
पुलिस ने की लोगों से अपील
बताया जा रहा है कि हर क्षेत्र में इस तरह का गैंग इनदिनों काफी एक्टिव है। मामले पर साइबर डीएसपी यशोधरा ने बताया कि साइबर अपराधियों को पहले दूसरी जगहों से सिम मिल जाता था। लेकिन अब राज्यों के अंदर से ही SIM की सप्लाई की जा रही है। ऐसे में रांची पुलिस ने भी लोगों से अपील की है कि लोग सिम खरीदते समय जारी SOP का पालन जरूर करें। सिम लेते समय थोड़ी सावधानी जरूर बरतें, समझकर ही कहीं पर भी हस्ताक्षर करें।
गड़बड़ करने वालों पर होगी कार्रवाई
वहीं मामले पर रांची SSP किशोर कौशल का कहना है कि फर्जी SIM पुलिस के लिए चुनौती जरूर है। लेकिन, जो भी जानकारी पुलिस को मिलेगी उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। दरअसल जो SOP बनाई गई है उसका भी अनुपालन नहीं किया जा रहा जिस कारण इस तरह की घटना हो रही है। वहीं उन्होंने कहा कि अगर कोई सिम विक्रेता या डीलर उसका अनुपालन नहीं कर रहा है तो उन्हें चिन्हित करने का कार्य किया जाएगा और अगर किसी रिटेलर या डीलर की संलिप्तता किसी केस मे सामने आती है तो उसपर भी कानूनी धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ऐसे चेक करे आपकी आईडी से कितने नंबर है चालू
सबसे पहले आपको अधिकारिक वेबसाइट tafcop.dgtelecom.gov.in को ओपन करना है। इसके पश्चात होम स्क्रीन पर अपना मोबाइल नंबर एंटर करना है और उसके नीचे Request OTP पर क्लिक करना है। आप अपना ओटीपी डालकर Validate पर क्लिक करना है। इसके बाद आप के आधार कार्ड से जितने भी सिम लिए हुए हैं, उन सभी के नंबर स्क्रीन पर दिखाई देंगे। पर इसके लिए ध्यान देने वाली बात यह है कि आपका कोई भी एक नंबर आधार से लिंक होना अनिवार्य है। नहीं तो ओटीपी नहीं प्राप्त होगा।