फर्जी वोटर कार्ड से बचने के लिए सरकार का बड़ा कदम..पैन कार्ड के बाद अब पहचान पत्र को भी आधार से कराना होगा लिंक

Published : Jul 11, 2022, 06:04 PM IST
फर्जी वोटर कार्ड से बचने के लिए सरकार का बड़ा कदम..पैन कार्ड के बाद अब पहचान पत्र को भी आधार से कराना होगा लिंक

सार

 झारखंड में वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने की  तैयारी शुरू। राज्य के सभी जिलों के उपायुक्त को 10 अगस्त तक माइक्रो लेवल प्लान तैयार करने का निर्देश। इसके लिए बनाया गया ट्रेनिंग सेशन। जानिए पूरी डिटेल...

रांची. झारखंड में  पैन कार्ड के बाद अब वोटर आईडी कार्ड को भी आधार कार्ड से लिंक कराया जाएगा। इसक लिए झारखंड में तैयारी शुरू कर दी गई है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सह सचिव के रवि कुमार ने जिले के सभी डीसी को इस संबंध में पत्र लिखकर जानकारी दी है। पत्र में लिखा गया है कि भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा मतदाता सूची डेटा को जोड़ने और प्रमाणीकरण के लिए स्वैच्छिक आधार पर मतदाताओं से आधार डेटा का संग्रह-अधिनियम / नियमों में संशोधन की अधिसूचना जारी की गई है। ऐसे में भारतीय निर्वाचन आयोग के द्वारा दिशा-निर्देशों से सभी संबंधितों को अवगत कराते हुए इसका अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराएं। 

10 अगस्त पर प्लान तैयार करने का आदेश
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सह सचिव के रवि कुमार ने वोटर आईडी को आधार से जोड़ने के लिए चलाए जाने वाले कार्यक्रम का माइक्रो लेवल प्लान तैयार करने का निर्देश दिया है। इसके लिए 10 अगस्त तक का समय दिया गया है। 10 अगस्त से पहले सभी जिले के डीसी को प्लान उपलब्ध कराने को कहा गया है। 25 जुलाई से पहले सभी आधार कार्ड के प्रवेश की सूची भी मांगी गई है। 

एक से अधिक वोटर कार्ड रखने वालों पर कसेगा शिकंजा
अभी एक व्यक्ति पर दो से अधिक वोटर कार्ड भी मिल जाते हैं। कई लोग ऐसे हैं जो एक नहीं दो-तीन राज्यों के भी वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराए हुए हैं। वोटर आईडी संबंधित राज्य का प्राप्त किए हुए हैं। ऐसे में वोटर आईडी से आधार लिंक होने से एक व्यक्ति के पास सिर्फ एक वोटर कार्ड होगा। एक से ज्यादा वोटर कार्ड रखने वालों की पहचान आसानी से हो सकेगी। साथ ही फर्जी कार्ड को खत्म करने में मदद मिलेगी। 

 डीसी से लेकर बीएलओ तक की होगी ट्रेनिंग
झारखंड के सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीसी, निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी और सभी सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी के साथ बीएलओ को ट्रेनिंग दी जानी है। 15 जुलाई को सबसे पहले सभी जिलों के डीसी को ट्रेनिंग दी जाएगी। इस संबंध में मुख्य निर्वाचन पदधिकारी ने सभी जिलों के डीसी से कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश दिया गया है कि चुनाव कानूनों और नियमों में संशोधन का कार्यान्वयन किया जाए। 

ट्रेनिंग कार्यक्रम पर एक नजर
जिला निर्वाचन पदाधिकारी       – 15 जुलाई
निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी व

सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी– 16 जुलाई
मास्टर ट्रेनर 1 से 20 विस क्षेत्र– 20 जुलाई
मास्टर ट्रेनर 21 से 40 विस क्षेत्र– 20 जुलाई
मास्टर ट्रेनर 41 से 60 विस क्षेत्र– 21 जुलाई
मास्टर ट्रेनर 61 से 81 विस क्षेत्र– 21 जुलाई
कंप्यूटर ऑपरेटर, हेल्प डेस्क मैनेजर आदि– 22 जुलाई
सुपरवाइजर व बीएलओ– 25 जुलाई से 30 जुलाई तक

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