झारखंड पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण मामला : जानिए सुप्रीम कोर्ट ने दखल से क्यों किया इनकार, अब आगे क्या होगा

Published : May 04, 2022, 03:26 PM ISTUpdated : May 04, 2022, 03:43 PM IST
झारखंड पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण मामला : जानिए सुप्रीम कोर्ट ने दखल से क्यों किया इनकार, अब आगे क्या होगा

सार

राज्य में पंचायत चुनाव को लेकर प्रक्रिया जारी है। तीसरे चरण के लिए नामांकन खत्म हो गया है। प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल करने के बाद प्रचार भी शुरू कर दिया है। प्रशासनिक अधिकारी अपने स्तर से पूरी तरह चुनाव में जुटे हुए हैं।  

रांची :झारखंड पंचायत चुनाव (Jharkhand Panchayat Chunav 2022) में किसी भी तरह से दखल देने से सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने इनकार कर दिया है। पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अपने पहले के आदेश के मुताबिक हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है। बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान तीन जजों की बेंच ने इस मामले को विस्तार से सुना था और चार मई की तारीख दी थी। सबसे पहले जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस अभय एस ओका की बेंच ने इस मामले को सुना लेकिन बाद में इसकी गंभरती को देखते मामले को तीन जजों की बेंच के पास भेज दिया था। 

ओबीसी आरक्षण को लेकर याचिका
राज्य में 14 मई से पंचायत चुनाव होने जा रहा है। लेकिन इसमें ओबीसी आरक्षण नहीं दिया गया है। जिसको लेकर ऑल झारखंड स्टूडेंट्स पार्टी के गिरिडीह लोकसभा सीट से सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी (Chandra Prakash Choudhary) ने सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। जिसमें उन्होंने इसे सरकार की मनमानी बताया था और ओबीसी को आरक्षण देने की लगातार मांग की थी। अब सर्वोच्च न्यायालय की तरफ से इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार के बाद पंचायत चुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा। किसी भी तरह की अड़चन नहीं आने की बात कही जा रही है।

सरकार का पक्ष क्या है
दरअसल, सत्र के दौरान हेमंत सोरेन सरकार ने सदन में साफ कर दिया था कि ट्रिपल टेस्ट करा कर चुनाव कराना किसी भी तरह से संभव नहीं है। ऐसा होने पर चुनाव नहीं हो पाया और गांवों का विकास थम जाता है। उन्होंने ओडिशा, तमिलनाडु और बंगाल का उदाहरण भी दिया था। जहां बिना ट्रिपल टेस्ट हुए ही चुनाव कराए गए थे। इसलिए झारखंड में भी फिलहाल बिना आरक्षण के पंचायत चुनाव कराया जा रहा है।

क्या होता है ट्रिपल टेस्ट

  • राज्य के भीतर स्थानीय निकायों के रूप में पिछड़ेपन की प्रकृति और निहितार्थ की कठोर जांच करने के लिए एक आयोग की स्थापना।
  • आयोग की सिफारिशों के मुताबिक स्थानीय निकाय-वार प्रावधान किए जाने के लिए आवश्यक आरक्षण के अनुपात को निर्दिष्ट करना, ताकि अधिकता का भ्रम न हो।
  • किसी भी मामले में ऐसा आरक्षण अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के पक्ष में आरक्षित कुल सीटों के कुल 50% से अधिक नहीं होगा।

चार चरण में चुनाव, कहां कब वोटिंग
बता दें कि राज्य में पंचायत चुनाव चार चरणों में कराया जाएगा। 14 मई को पहला, 19 मई को दूसरा, 24 मई को तीसरा और 27 मई को चौथे चरण का चुनाव होना है। चुनाव बैलेट पेपर से होंगे। 16 जिलों के 50 ब्लॉक की 1,127 पंचायतों में वोटिंग होगी। पहले और अंतिम चरण में 72-72 ब्लॉक में चुनाव होंगे। जबकि दूसरे चरण में 50 और तीसरे में 70 ब्लॉक में वोटिंग होगी।

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