
जामताड़ा, झारखंड. ये तस्वीर लोगों की 'तालिबानी सोच' को दिखाती है। ऐसी भीड़ के लिए पुलिस-कानून सब परे हो जाते हैं। वे अपने स्तर पर न्याय करना चाहते हैं। इन तीन लोगों को भी सरेआम सजा भुगतनी पड़ी। इन पर गांव के मौलाना का मोबाइल चोरी करने का इल्जाम था। यह और बात रही कि मार-पिटाई और फिर तलाशी के बाद भी इनका जुर्म साबित नहीं हो सका। बाद में सब अपने-अपने घर चले गए। किसी ने आपसी बैर के चक्कर में पुलिस में कोई शिकायत नहीं की। पुलिस ने सबको कड़ी हिदायत देकर छोड़ दिया।
पूरा मोहल्ला पीटने को दौड़ा....
यह शर्मनाक घटना करमाटांड़ बस्ती में हुई। यहां की मस्जिद के मौलाना फखरुद्दीन का मोबाइल चोरी हो गया था। उन्हें इन तीन लोगों पर शक था। मौलाना ने मोहल्लेवालों को इकट्ठा किया। इसके बाद तीनों लोगों को घर से खींचकर बाहर लाया गया। उन्हें एक बिजली के खंभे से बांधकर खूब पीटा गया। वे गिड़गिड़ाते रहे। खुद को बेकसूर बताते रहे, लेकिन किसी ने एक न सुनी। बाद कुछ समझदार लोगों ने पुलिस को सूचित किया। इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तीनों को मुक्त कराया। हैरानी की बात यही रही कि पीड़ितों ने शिकायत दर्ज कराने से मना कर दिया। वहीं, मौलाना की ओर से भी मोबाइल चोरी की शिकायत नहीं की गई।
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