स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि स्थानीय लोगों के दबाव के कारण पिछले 9 साल से स्कूल के बच्चे हाथ बांध कर प्रार्थना कर रहे है। स्थानीय लोगों के जिद के आगे वे मजबूर होकर ऐसा कर करवा रहे है। स्थानीय प्रशासन वे मामले कि शिकायत कर चुके हैं।
गढ़वा. झारखंड के गढ़वा जिले में एक ऐसा सरकारी स्कूल है जहां के बच्चे हाथ जोड़कर प्रार्थना नहीं करते बल्कि हाथ बांधकर प्रार्थना करते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि स्कूल के अधिकतर बच्चे मुस्लिम समुदाय से आते हैं। गांव की 75% आबादी मुस्लिमों की हैं। स्कूल के प्रिंसिपल योगेश राम का कहना है कि ग्रामीणों के दवाब में आकर उन्हें ऐसा करना पड़ता है। मामला प्रकाश में आने के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने जांच के आदेश दिया है। इस स्कूल का नाम उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोरवाडीह है।
9 साल से चल रहा ऐसा
स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि स्थानीय लोगों के दबाव के कारण पिछले 9 साल से स्कूल के बच्चे हाथ बांध कर प्रार्थना कर रहे है। स्थानीय लोगों के जिद के आगे वे मजबूर होकर ऐसा कर करवा रहे है। स्थानीय प्रशासन वे मामले कि शिकायत कर चुके हैं। मामला प्रकाश में आने के बाद 5 जुलाई को जिला शिक्षा अधिकारी अपनी टीम के साथ स्कूल पहुंचे और मामले की जांच की। उनसे स्कूल की छात्राओं ने भी कहा कि हम लोग हाथ बांधकर प्रार्थना करते हैं। इसके बाद सीओ सह डीएसई मयंक भूषण, बीडीओ कुमुद झा, पूर्व प्रधानाध्यापक असरफी राम, मुखिया शरीफ अंसारी, विद्यालय प्रबंध समिति, प्रधानाध्यापक और अभिभावकों की बैठक हुई। इस बैठक में हाथ जोड़कर प्रार्थना कराने का निर्णय लिया गया। जिसके बाद स्कूल में बच्चे दोबारा हाथ जोड़ कर प्रार्थना करने लगे।
शिक्षा मंत्री ने डीसी को दिए जांच के आदेश
स्कूल में प्रार्थना बदलवाने के मामले को शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने भी संज्ञान में लिया है। उन्होंने जिले के डीसी को जांच के आदेश दिए हैं। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मामले की जानकारी मिलने के बाद शिक्षा मंत्री ने बीसी को फोन कर यह निर्देश दिया। डीसी के अलावा जिले के एसपी को शिक्षा मंत्री ने मामले को देखने को कहा है। शिक्षा मंत्री का कहना है कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए।
नियम से चलेगा स्कूल: मुखिया
इस मामले को लेकर स्थानीय मुखिया शरीफ अंसारी ने कहा है कि स्कूल नियम से चलेगा। किसी विशेष के कहने पर स्कूल के नियम नहीं बदलेंगे। अगर किसी ने हाथ जोड़ कर प्रार्थना करने से मना किया है तो उन्हें चिन्हित किया जाएगा। प्रार्थना और दुआ को लेकर गांव और स्कूल को बदनाम नहीं होने देंगे। हाथ जोड़कर प्रार्थना करने में कोई हर्ज नहीं है। उन्होंने कहा कि आज के बाद स्कूल में हाथ जोड़कर ही प्रार्थना होगा।
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