25 घंटे 57 मिनिट तक रहेगा गुरु पुष्य का शुभ संयोग, इसे कहते हैं खरीदी का महामुहूर्त

दीपावली के पहले पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra 2021) का आना बहुत ही शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुष्य नक्षत्रों का राजा है। इस नक्षत्र में की गई खरीदी बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करती है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 18, 2021 12:49 PM IST

उज्जैन. इस बार दीपावली (4 नवंबर, गुरुवार) से 6 दिन पहले यानी 28 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र का योग बन रहा है। इस दिन गुरुवार होने से ये गुरु पुष्य कहलाएगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार गुरु पुष्य नक्षत्र 25 घंटे 57 मिनिट रहेगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग भी बन रहे हैं। पुष्य (Pushya Nakshatra 2021) नक्षत्र अलग-अलग वारों के साथ मिलकर कई शुभ योग बनाता है। आगे जानिए पुष्य नक्षत्र से बनने वाले शुभ योग…

रवि पुष्य

रविवार को पुष्य नक्षत्र का योग श्रीवत्स नाम का योग बनाता है, जो सुख-संपत्ति व विजय प्रदान करता है।

सोम पुष्य
सोमवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग धाता नामक योग का निर्माण करता है। ये योग सुख-सौभाग्य बढ़ाता है।

मंगल पुष्य
मंगलवार को पुष्य का संयोग प्रवर्ध योग बनाता है। इस योग में जमीन, जायदाद खरीदना शुभ रहता है।

बुध पुष्य
बुधवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग मातंग योग बनाता है। यह योग वंश वृद्धि के लिए शुभ माना गया है।

गुरु पुष्य
गुरुवार को पुष्य का संयोग शुभ नामक योग निर्मित करता है, जो सुख, वैभव, शांति एवं प्रगतिकारक है।

शुक्र पुष्य
शुक्रवार को पुष्य का संयोग उत्पात नामक योग बनाता है। इस योग में लक्ष्मी पूजा करना श्रेष्ठ रहता है।

शनि पुष्य
शनिवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग मित्र योग बनाता है, जो धन-धान्य व शुभ संबंध स्थापित करने वाला है।

पुष्य नक्षत्र कब से कब तक?
पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra 2021) का आरंभ 28 अक्टूबर, गुरुवार की सुबह 9.41 से होगा, जो दूसेर दिन यानी 29 अक्टूबर, शुक्रवार की सुबह 11.38 तक रहेगा। इसके अलावा गुरुवार को रवि योग सुबह 9.30 तक रहेगा, सर्वार्थसिद्धि योग पूरे दिन रहेगा।

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