सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह गुरु 20 नवंबर, शनिवार को राशि बदलने वाला है। वर्तमान में ये ग्रह मकर राशि में शनि के साथ है। गुरु के कुंभ राशि में जाते ही शनि और गुरु की युति भी खत्म हो जाएगी। ज्योतिषियों के अनुसार, गुरु ग्रह 20 नवंबर की रात 11.17 पर धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण में गोचर करते हुए कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
उज्जैन. गुरु के कुंभ राशि में जाने से सभी राशियों पर इसका असर देखने को मिलेगा। जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत भाव में होते हैं उन्हें सदैव शुभ फल प्रदान करते हैं। कुंडली में शुभ स्थान पर गुरु ग्रह के होने पर लोगों की कुंडली में अन्य ग्रहों के कारण होने वाले दोष प्रभावहीन हो जाते हैं। गुरु का राशि परिवर्तन कुछ राशियों के लिए बहुत ही लाभ प्रदान करने वाला सिद्ध होगा।
ज्योतिष में गुरु ग्रह की स्थिति
गुरु ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में सबसे ज्यादा लाभ प्रदान करने वाले ग्रहों में से एक माना जाता है और यह भाग्य और सम्मान प्राप्ति के भी मुख्य कारक माने जाते हैं। गुरु को बहुत ही शुभ ग्रह माना गया है। ये लगभग सभी ग्रहों के साथ मित्रवत रहते हैं। देवगुरु बृहस्पति धनु और मीन राशि के स्वामी हैं। गुरु ग्रह कर्क राशि में उच्च के और मकर राशि में नीच के होते हैं। उच्च की स्थिति में शुभ फल प्रदान करते हैं और नीच की स्थिति में अशुभ।
गुरु के राशि परिवर्तन का असर
- देवगुरु का कुंभ राशि में प्रवेश कई नए अवसर लेकर आ सकता है। इस दौरान लोगों के उत्साह में वृद्धि हो सकती है, रुके काम फिर से बन सकते हैं। शिक्षा, यात्रा, प्रकाशन, व्यवसाय आदि में सफलता प्राप्त होने के भी संयोग हैं।
- यह राशि परिवर्तन कुछ लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है। कुछ लोगों के लिए बहुत अच्छा और कुछ के लिए चुनौतीपूर्ण होने वाला है। गुरु मानसिक शक्ति, उत्साह, पेशेवर कौशल और आपकी प्रतिभा को प्रभावित करता है।
- ये ग्रह यह किसी के व्यक्तिगत पेशेवर जीवन को बल देता है। देवगुरु बृहस्पति ग्रह स्थिति के अनुसार सभी 12 राशि के लोगों को अच्छे और बुरे दोनों तरह के परिणाम देते हैं।
- गुरु ग्रह का ये परिवर्तन मेष, वृषभ, मिथुन, सिंह, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशि के लिए शुभ रहेगा। कन्या, वृश्चिक और मीन राशि के लिए अशुभ फल देने वाला रहेगा और कर्क राशि के लिए ये ग्रह परिवर्तन मिश्रित फल देने वाला रहेगा।