19 नवंबर को चंद्र और 4 दिसंबर को होगा सूर्यग्रहण, लगातार 2 ग्रहण से आ सकती हैं प्राकृतिक आपदाएं

इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse November 2021) 19 नवंबर यानी कार्तिक पूर्णिमा पर होगा, जबकि 4 दिसंबर को सूर्यग्रहण होगा। बहुत कम समय अंतराल पर 2 ग्रहण होने से इसका असर देश-दुनिया और प्रकृति पर देखने को मिलेगा। प्राकृतिक आपदाएं आने का भय इस दौरान बना रहेगा।

Asianet News Hindi | Published : Nov 10, 2021 4:06 PM IST

उज्जैन. 19 तारीख को होने वाला चंद्र ग्रहण आंशिक रूप से अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ हिस्सों में बहुत कम समय के लिए दिखेगा। जबकि पश्चिमी, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, आस्ट्रेलिया, अटलांटिक और पैसेफिक महासागर में ये साफ दिखेगा। चंद्रग्रहण वृष राशि और कृत्तिका नक्षत्र में होगा। ये ग्रहण (Lunar Eclipse November 2021) जहां नहीं दिखेगा, वहां सूतक मान्य नहीं रहेगा पर ज्योतिषियों का मत है कि इसका असर मौसम और राशियों पर जरूर पड़ेगा।

ग्रहण काल में भी पूजन
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार शुक्रवार 19 नवंबर को भारतीय समयानुसार ग्रहण सुबह 11.30 बजे से शाम 5.35 तक रहेगा। लगभग पूरे देश में ये ग्रहण नहीं दिखाई देने से इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा। मंदिरों व घरों में पूजा की जा सकेगी। पूर्णिमा पर ग्रहण का प्रभाव न होने से दान-पुण्य के लिए ये दिन श्रेष्ठ रहेगा। उन्होंने बताया कि ग्रहण के बाद दो-तीन दिन के भीतर मौसमी बदलाव दिखेगा। जिससे देश के उत्तरी हिस्सों में बर्फबारी और बूंदाबांदी के साथ तेज हवा चल सकती है।

आ सकती हैं प्राकृतिक आपदाएं
डॉ. मिश्र बताते हैं कि इस चंद्र ग्रहण के कारण भारत के कुछ हिस्सों सहित चीन, नेपाल या रूस में भूकंप के झटके महसूस हो सकते हैं। मौसम में अनचाहे और नुकसान देने वाले बदलाव हो सकते हैं। देश में खंड वृष्टि यानी कुछ हिस्सों में बारिश होने की आशंका है। राजनीति में विवादित बयान दिए जाएंगे। दुर्घटनाएं होने का अंदेशा है। सीमा पर विवाद और तनाव को माहौल रहेगा। लोगों में मानसिक तनाव और अनजाना डर भी बढ़ेगा।

4 दिसंबर को सूर्यग्रहण
जीवाजी वेधशाला उज्जैन के अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र प्रकाश गुप्त बताते हैं कि इस चंद्रग्रहण के बाद अगला ग्रहण 15 दिनों में ही यानी उसी पखवाड़े में 4 दिसंबर मार्गशीर्ष अमावस्या पर होगा। ये पूर्ण सूर्यग्रहण रहेगा। साथ ही ये इस साल का आखिरी ग्रहण होगा। लेकिन भारत में नहीं दिखाई देने से इसका महत्व नहीं है। इसके बाद साल 2022 में 16 मई को अगला चंद्र ग्रहण होगा। वो भी भारत में नहीं दिखेगा। इस ग्रहण के कारण मौसमी बदलाव भी होंगे।

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