तुला राशि वालों को विवाह के पहले जरूर करवानी चाहिए ये खास पूजा, नहीं तो बनी रहती है कुछ अशुभ होने की आशंका

हिंदू धर्म में कोई भी काम शुभ मुहूर्त देखे बिना नहीं किया जाता है। बात जब सबसे बड़े संस्कार विवाह की हो तो ऐसे में बिना शुभ मुहूर्त निकाले विवाह नहीं किया जाता है, चाहे उसके लिए फिर कितने भी वर्ष या महीने रूकना पड़े। जब तक भावी वर-वधू के नाम से विवाह का उचित मुहूर्त नहीं निकलता तब तक उनका विवाह नहीं किया जाता है।
 

Asianet News Hindi | Published : Dec 8, 2021 8:42 AM IST

उज्जैन. सभी राशि के लोगों के विवाह का मुहूर्त उनके नाम की राशि से निकाला जाता है। यह मुहूर्त तीन प्रकार का होता है शुभ, पूज्य और अनिष्ट। जब पूर्ण शुभ मुहूर्त हो तो ही विवाह करना उचित रहता है। पूज्य श्रेणी का विवाह हो तो ग्रहों की पूजा करके शांति की जाती है फिर विवाह हो सकता है और अनिष्ट श्रेणी का मुहूर्त हो तो वह विवाह के लिए त्याज्य होता है। 

तुला राशि वालों को करवानी पड़ती है ये खास पूजा
सभी राशि के अनुसार विवाह मुहूर्त निकलते हैं लेकिन बारहों राशियों में मात्र तुला एक ऐसी राशि है जिसके लोगों का कभी भी शुद्ध मुहूर्त नहीं निकलता है। तुला राशि के लोगों के विवाह के लिए सूर्य की शांति करना आवश्यक होती है तभी उनका विवाह संपन्न हो सकता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं..

त्रिबल शुद्धि देखना आवश्यक
विवाह का मुहूर्त निकालने के लिए तीन ग्रहों का बल देखना आवश्यक होता है। इसे त्रिबल शुद्धि कहा जाता है। ये तीन ग्रह हैं सूर्य, बृहस्पति और चंद्र। विवाह का मुहूर्त या लग्न निकालने के लिए वधू के लिए गुरु और चंद्र की शुद्धि देखी जाती है तथा वर के लिए सूर्य अैर चंद्र की शुद्धि देखी जाती है। तीनों ही ग्रहों का वर या वधू की राशि से 4, 8, 12वां नहीं होना चाहिए।
- सूर्य 3, 6, 10, 11वां हो तो शुभ। 1, 2, 5, 7, 9 हो तो पूज्य और 4, 8, 12 हो तो अनिष्टकारी होता है।
- चंद्र 3, 6, 7, 10, 11 हो तो शुभ। 1, 2, 5, 9 हो तो पूज्य और 4, 8, 12 हो तो अनिष्टकारी होता है।
- गुरु 2, 5, 7, 9, 11 हो तो शुभ। 1, 3, 6, 10 हो तो पूज्य और 4, 8, 12 हो तो अनिष्टकारी होता है।

क्यों नहीं होता बिना पूजा विवाह?
- सूर्य की शुद्धि के शुभ स्थान 3, 6, 10, 11 होते हैं। लेकिन तुला राशि के लिए देखा जाए तो तुला राशि से तीसरी राशि धनु आती है। जब सूर्य धनु राशि में होता है तो मलमास होता है जिसमें विवाह नहीं होते। 
- तुला राशि से छठी राशि मीन आती है, मीन में भी सूर्य के रहने पर मलमास होता है, जिसमें विवाह पर प्रतिबंध होते हैं। 
- तुला राशि से 10वीं राशि कर्क होती है और 11वीं राशि सिंह होती है। कर्क और सिंह राशि में सूर्य के रहने के दौरान चातुर्मास रहता है और देव शयनकाल चलता रहता है इसलिए इस काल में विवाह नहीं हो सकते। 
- अब इन चारों शुद्ध गोचर के समय विवाह नहीं हो सकते तो बाकी सूर्य के पूज्य स्थान वाले मुहूर्त ही बचते हैं। जिनमें सूर्य की लाल पूजा करके विवाह संपन्न कराया जाता है।

Latest Videos

Share this article
click me!

Latest Videos

Garib Rath Express Train: ट्रेन में भाग खड़े हुए पैसेंजर, Shocking Video आया सामने
PM Modi ने बाइडेन को गिफ्ट की चांदी की ट्रेन, फर्स्ट लेडी को दी पश्मीना शॉल, जानें क्या है खास
Pitru Paksha 2024: बिना पैसा खर्च किए कैसे करें पितरों को खुश ?
Tirupati Laddu Prasad: गिरिराज सिंह ने की सबसे बड़ी मांग, ओवैसी और राहुल को जमकर सुना डाला
अमेरिका ने लौटाया भारत का 'खजाना', 297 नायाब चीजों के साथ वापस लौटेंगे PM Modi । India America