बार-बार होता है एक्सीडेंट या कोई और बुरी घटना तो ग्रह भी हो सकते हैं इसका कारण, कैसे बचें इससे?

हर किसी के जीवन में कभी-न-कभी घटना-दुर्घटनाएं होती रहती हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके साथ अक्सर ऐसी घटना होती रहती हैं, जिसके कारण कई बार तो उनका जीवन भी संकट में आ जाता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। कुंडली के अशुभ योग भी इसका कारण हो सकता है।  

Asianet News Hindi | Published : Mar 2, 2022 12:30 PM IST

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र में दुर्घटनाओं के संबंध में अनेक ग्रह स्थितियों के बारे में वर्णन मिलता है, जिन लोगों की कुंडली में ये स्थिति बनती है उनके साथ लगातार दुर्घटनाएं होती रहती हैं। कुछ ज्योतिषिय उपाय कर कुंडली के इन अशुभ योगों के प्रभाव को कम किया जा सकता है। ग्रहों की ये स्थितियां और इनसे बचने के उपाय इस प्रकार हैं…

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1. सबसे पहली बात, चर लग्न और चर राशियों वाले लोगों को चोट लगने की आशंका अधिक होती है। चर लग्न और चर राशियां मेष, कर्क, तुला और मकर होती हैं। अर्थात् जिन लोगों का लग्न या राशि मेष, कर्क, तुला या मकर होती है उन्हें बार-बार चोट लगती रहती है। 
2. लग्न या द्वितीय भाव में राहु-मंगल की युति होने पर लोगों को बार-बार दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों को घर में बैठे-बैठे भी चोट लग जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होती। 
3. लग्न में शनि हो और अन्य कोई शुभ ग्रह केंद्र स्थान में न हो तो लोगों को ऊंची जगह से गिरने के कारण चोट लगती है। 
4. लग्न में मंगल हो तो लोग को सिर और मस्तिष्क पर घाव लगता है। चंद्रमा से केंद्र या त्रिकोण का मंगल हो तो लोगों की वाहन या यात्रा में दुर्घटना होती है। 
5. पंचम भाव में शनि-सूर्य या शनि-मंगल की युति होने पर हाथापाई, विवाद, मारपीट के दौरान जातक घायल होता है। इसके अलावा भी अनेक ग्रह स्थितियां होती हैं जो जातक को चोट लगने की ओर संकेत करती हैं। 

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कैसे बच सकते हैं ग्रहों के इन अशुभ प्रभाव से? 
1.
कुंडली में जो ग्रह अशुभ योग बना रहे हैं, उनसे संबंधित स्टोन यानि रत्न धारण करें। लेकिन इसके पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।
2. ग्रहों से संबंधित मंत्रों का जाप करने से भी ग्रहों के उग्र स्वरूप को शांत किया जा सकता है। अगर आप स्वयं इन मंत्रों का जाप न कर पाएं तो किसी ब्राह्मण से भी करवा सकते हैं।

 

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