23 मार्च तक अस्त रहेगा गुरु, इन 4 राशि वालों को रहना होगा संभलकर, अशुभ फल से बचने के लिए ये उपाय करें

Published : Feb 17, 2022, 09:41 AM IST
23 मार्च तक अस्त रहेगा गुरु, इन 4 राशि वालों को रहना होगा संभलकर, अशुभ फल से बचने के लिए ये उपाय करें

सार

वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन या अस्त होता है, तो इसका सीधा प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है। यह परिवर्तन किसी के लिए शुभ रहता है तो किसी के लिए अशुभ। देवताओं के गुरु बृहस्पति 22 फरवरी, मंगलवार को अस्त होने जा रहे हैं। गुरु ग्रह की ये स्थिति 23 मार्च तक रहेगी।

उज्जैन. देवगुरु बृहस्पति धनु और मीन राशि के स्वामी हैं। देवगुरु बृहस्पति जहां कर्क राशि में उच्च के होते हैं तो वहीं मकर राशि में ये नीच के माने जाते हैं। बृहस्पति ग्रह के अस्त होने का प्रभाव वैसे तो सभी राशियों पर पड़ेगा लेकिन 4 राशियां ऐसी हैं, जिनकी मुश्किलें इस दौरान बढ़ सकती हैं। इन राशि वालों को संभलकर रहना होगा। आगे जानिए वो कौन-सी 4 राशियां और किन उपायों से देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न कर सकते हैं… 

इन राशि वालों को रहना होगा संभलकर 
- देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने से कर्क, मीन, सिंह और धनु राशि वालों की परेशानी बढ़ने की संभावना है। इन चार राशि के लोगों को इस दौरान किसी भी नए काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। 
- यदि कर्क, मीन, सिंह और धनु राशि के लोग निवेश की योजना बना रहे हैं तो फिलहाल के लिए रुकना ही बेहतर है। इस दौरान किसी भी वाद-विवाद में न पड़ें। 
- कर्क, मीन, सिंह और धनु राशि वालों को अपने शब्दों पर नियंत्रण करने की आवश्यकता है। इस दौरान आपको आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 

ये उपाय करने से होगा फायदा
1. जब तक गुरु अस्त रहें, तब तक रोज ॐ बृं बृहस्पते नम: मंत्र का 108 बार जाप करें। यदि रोज इस मंत्र का जाप नहीं कर सकते तो प्रत्येक गुरुवार को भी ये उपाय कर सकते हैं।
2. गुरुवार के दिन पीली वस्तुएं जैसे सोना, हल्दी, चने की दाल और आम आदि का दान करें। भगवान विष्णु को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
3. गुरु दोष को खत्म करने के लिए गुरुवार का व्रत रखें। साथ ही पीले वस्त्र पहनें और बिना नमक का भोजन करें। भोजन में आप पीले रंग की चीजें जैसे बेसन, लड्डू या फिर आम को शामिल कर सकते हैं।
4. अगर आप कुंडली में गुरु के दोष को समाप्त करना चाहते हैं तो गुरुवार को स्नान से पहले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें। स्नान के बाद ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:' मंत्र का जाप करें।

 

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