साल 2022 में शनि की साढेसाती का किस राशि पर कौन-सा चरण रहेगा, शुभ फल पाने के लिए कौन-से उपाय करें?

Published : Jan 04, 2022, 06:40 PM IST
साल 2022 में शनि की साढेसाती का किस राशि पर कौन-सा चरण रहेगा, शुभ फल पाने के लिए कौन-से उपाय करें?

सार

साल 2022 शुरू हो चुका है। हर कोई ये जानना चाहता है कि इस साल उसके जीवन में क्या परिवर्तन होने वाला है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मानव जीवन पर सबसे ज्यादा असर शनि ग्रह (Effect of Shani in 2022) डालता है। इसलिए शनि को न्यायाधीश भी कहा गया है।

उज्जैन. जिन लोगों पर इस समय शनि की साढ़ेसाती और ढय्या का प्रभाव है, वे जानना चाहते हैं कि साल 2022 में शनि का उन पर कैसा प्रभाव होगा। क्या वे शनि की साढ़ेसाती और ढय्या के प्रभाव से मुक्त हो जाएंगे या शनि की साढ़ेसाती का कौन-सा चरण उनकी राशि पर शुरू होगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा शनि से जुड़ी ये सभी जानकारी आपको बता रहे हैं, जो इस प्रकार है…

29 अप्रैल को शनि बदलेगा राशि 
29 अप्रैल को शनि के कुंभ राशि में आने से मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी और धनु राशि से साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी। मीन राशि के लोगों के लिए समस्याएं बढ़ सकती हैं और धनु राशि के लोगों को लाभ मिलने के योग बनेंगे। 29 अप्रैल से पहले तक धनु, मकर और कुंभ राशि पर साढ़ेसाती रहेगी। इसके बाद मकर, कुंभ और धनु राशि पर साढ़ेसाती रहेगी।

किन राशियों पर रहेगा ढय्या?
29 अप्रैल से पहले तक शनि मकर राशि में रहेगा। तब तक मिथुन और तुला राशि पर शनि का ढय्या रहेगा। 29 अप्रैल को शनि कुंभ राशि में आएगा। इस वजह से कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि का ढय्या शुरू होगा। शनि के ढय्या की वजह से इन राशियों को कड़ी मेहनत करनी होगी, तभी सफलता मिल पाएगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। गलत कामों से बचें।

किस राशि पर साढ़ेसाती का कौन सा चरण रहेगा?
29 अप्रैल तक धनु राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण रहेगा। शनि के कुंभ में आते ही धनु राशि से साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी। 29 अप्रैल से कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होगा। मकर राशि पर अंतिम चरण रहेगा और मीन राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा।

शनि से शुभ फल पाने के लिए क्या करें?
- शनि के अशुभ असर को कम करने के लिए हर शनिवार शनिदेव को तेल चढ़ाने की परंपरा है।
- हनुमान जी की पूजा से भी शनि के दोष कम होते हैं। 
- शनि के मंत्र ऊँ शं शनैश्चराय नम: का जाप हर शनिवार को करें। मंत्र जाप कम से कम 108 बार जरूर करें। 
- हर शनिवार तेल का दान करें। इसके लिए एक कटोरी में तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखकर तेल का दान करें। 
- शनिवार को काले तिल, कंबल, काली उड़द, लोहे के बर्तनों का और जूते-चप्पलों का दान भी किया जा सकता है।

 

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