10 अप्रैल, रविवार को चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) का समापन हो जाएगा। इस दिन देवी सिद्धिदात्री (goddess siddhidatri) की पूजा की जाएगी, साथ ही भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव (Ram Navami 2022) भी मनाया जाएगा।
उज्जैन. धर्म ग्रंथों में नवरात्रि की नवमी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है, उसके अनुसार नवरात्रि के अंतिम दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा करने से हर तरह की सिद्धि हमें प्राप्त होती है। इस तिथि पर देवी पूजा की पूर्णाहुति होती है और हवन आदि का आयोजन किया जाता है। बहुत से लोग इस दिन कन्या पूजा (Kanya Puja 2022) भी करते हैं, जिसमें छोटी कन्याओं की घर बुलाकर भोजन करवाया जाता है और उन्हें कुछ उपहार भी दिया जाता है। नवरात्रि का अंतिम दिन होने से कई ज्योतिषीय और तंत्र-मंत्र के उपाय भी इस दिन किए जाते हैं। आगे जानिए नवरात्रि की नवमी तिथि से जुड़ी खास बातें…
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कब से कब तक रहेगी नवमी तिथि?
हिंदू पंचांग के अनुसार नवमी तिथि 9 अप्रैल, शनिवार की रात करीब 01.30 से शुरू होगी, जो 10 अप्रैल, रविवार को पूरे दिन रहेगी और रात लगभग 03:30 पर इस तिथि का समापन होगा। विद्वानों का मानना है कि 10 अप्रैल को पूरे दिन देवी की पूजा, कन्या भोज आदि शुभ काम किए जा सकते हैं।
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देवी सिद्धिदात्री की होती है पूजा
देवी सिद्धिदात्री माँ दुर्गाजी की नौवीं शक्ति हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, ये सभी प्रकार की सिद्धियां देने वाली हैं, इसलिए इनका नाम सिद्धिदात्री है। नवरात्रि के नौवें दिन इनकी पूजा की जाती है। देवता, असुर, गंधर्व, किन्नर, मनुष्य आदि सभी इनकी पूजा करते हैं।
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इस दिन मनाया जाएगा भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव
चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन यानी नवमी तिथि पर भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, त्रेतायुग में इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र राम के रूप में जन्म लिया था। इस दिन राम मंदिरों में विशेष आयोजन व साज-सज्जा की जाती है। भगवान के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है। भगवान श्रीराम की कृपा पाने के लिए हवन, पूजा, मंत्र जाप, उपाय आदि भी इस दिन किए जाते हैं।
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