Corona Virus In 2023: कोरोना विस्फोट का कारण ये अशुभ योग तो नहीं, क्या साल 2023 में थमेगा कोरोना का कहर?

corona virus: कोरोना वायरस एक बार फिर विश्व भर में फैलने लगा है। इसका सबसे ज्यादा असर चीन में देखा जा रहा है। भारत सहित अन्य देशों में भी अचानक इसके मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसके पीछे ग्रहों का अशुभ योग भी एक कारण हो सकता है।
 

उज्जैन. पिछले कुछ समय से पूरी दुनिया में कोरोना को लेकर शांति बनी हुई थी, लेकिन अचानक इसके मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। चीन (corona virus in china) में कोरोना को लेकर स्थिति काफी बिगड़ गई है, जिसके चलते पड़ोसी देशों में भी एलर्ट घोषित हो चुका है। भारत (corona virus in india) भी इन देशों में शामिल है। कोरोना के अचानक बढ़ते मामलों को लेकर WHO भी सकते में आ गया है। एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटे में पूरी दुनिया में कोरोना के 5,86,296 नए मामले सामने आए हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे ग्रहों का अशुभ योग भी एक कारण हो सकता है। आगे जानिए किस अशुभ योग के चलते कोरोना एक बार फिर दुनिया पर कहर ढा रहा है और साल 2023 में देश-दुनिया पर कोरोना का कैसा असर होगा… 

शनि-सूर्य के अशुभ योग से फैला कोरोना
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, शनि और सूर्य शत्रु ग्रह हैं। इस समय सूर्य धनु राशि में है और शनि मकर राशि में। इन दोनों ग्रहों की स्थिति से द्विर्द्वादश नाम का अशुभ योग बन रहा है। ये अशुभ योग 16 दिसंबर से बना है, इसके बाद ही कोरोना के मामलों में अचानक तेजी आई है। ये योग 13 फरवरी तक रहेगा। इस दौरान कुछ दिन सूर्य और शनि की युति भी बनेगी। द्विर्द्वादश योग के चलते ही कोरोना विस्फोट की स्थिति देश-दुनिया में बन रही है।  

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लगातार हुए 2 ग्रहण भी है कारण
ज्योतिषाचार्य पं. शर्मा के अनुसार, पिछले दिनों 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण हुआ था और इसके 15 दिन बाद यानी 8 नवंबर को चंद्रग्रहण। ग्रहण का मानव जीवन पर सबसे अधिक असर होता है, ग्रहण का अशुभ प्रभाव 3 महीने तक रहता है। कोरोना के बढ़ते मामलों की एक वजह ये ग्रहण भी हो सकते हैं। एक के बाद दो ग्रहण होना बहुत ही अशुभ माना जाता है। 

2023 में कब थमेगा कोरोना का कहर? (corona virus in 2023)
साल 2023 के पहले महीने जनवरी में 14 जनवरी को सूर्य राशि बदलकर मकर में प्रवेश करेगा। इसके बाद 17 जनवरी को शनि कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएगा। ऐसा होने से एक बार फिर शनि-सूर्य का द्विर्द्वादश योग बन जाएगा जो 13 फरवरी तक रहेगा। इसके बाद कोरोना के मामले में राहत मिलने के उम्मीद रहेगी। राहत की बात यह रहेगी कि, शनि, मंगल, गुरु, राहु और केतु में से कोई भी ग्रह इस समय अश्विनी, मघा, मूल, आर्द्रा, स्वाति तथा शतभिषा में नहीं रहेगा, इसलिए कोरोना की यह लहर बहुत नुकसानदायक नहीं होगी।

शनि से कारण नहीं बनेगी रोग की स्थिति
बृहत्संहिता शनैश्चाराध्याय के अनुसार… 
साजे शतभिषजि भिष्क्कविशौण्डिकपण्यनीतिवृत्तीनाम।।
शतभिषा में शनि का गोचर वैद्य, कवि, मद्य विक्रय करने वाले, खरीद बिक्री करने वाले, नीतिशास्त्र जानने वाले पीड़ित होते हैं। अर्थात शनि से संबंधित किसी प्रकार के रोग फैलने की स्थिति साल 2023 में नहीं बन रही है। पिछले वर्षों में जो कोरोना फैला, उसमें शनि का मकर राशि में गोचर होना मुख्य कारण था। 

 

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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे। 

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