धर्म ग्रंथों में हर महीने का अलग महत्व बताया गया है। महीनों के अनुसार ही कुछ नियम भी बनाए गए हैं। इन नियमों का पालन करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल के 11वें महीने का नाम माघ है।
उज्जैन. धर्म शास्त्रों में इस महीने को बहुत पवित्र माना गया है। इस बार माघ मास का प्रारंभ 18 जनवरी से हो रहा है, जो 16 फरवरी तक रहेगा। इस मास में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने तथा नदी स्नान करने से मनुष्य स्वर्गलोक में स्थान पाता है। माघ मास की ऐसी महिमा है कि इसमें गंगा का नाम लेकर स्नान करने से गंगा स्नान का फल मिलता है।
स्वर्गलोके चिरं वासो येषां मनसि वर्तते।
यत्र क्वापि जले तैस्तु स्नातव्यं मृगभास्करे।।
अर्थ- जिन मनुष्यों को चिरकाल तक स्वर्गलोक में रहने की इच्छा हो, उन्हें माघ मास में सूर्य के मकर राशि में स्थित होने पर पवित्र नदी में सुबह स्नान करना चाहिए।
माघं तु नियतो मासमेकभक्तेन य: क्षिपेत्।
श्रीमत्कुले ज्ञातिमध्ये स महत्त्वं प्रपद्यते।।
(महाभारत अनु. 106/5)
अर्थ- जो माघ मास में नियमपूर्वक एक समय भोजन करता है, वह धनवान कुल में जन्म लेकर अपने कुटुम्बीजनों में महत्व को प्राप्त होता है।
अहोरात्रेण द्वादश्यां माघमासे तु माधवम्।
राजसूयमवाप्रोति कुलं चैव समुद्धरेत्।।
(महाभारत अनु. 109/5)
अर्थ- माघ मास की द्वादशी तिथि को दिन-रात उपवास करके भगवान माधव की पूजा करने से उपासक को राजसूययज्ञ का फल प्राप्त होता है और वह अपने कुल का उद्धार करता है।
ये उपाय करें
1. मास मास में रोज नदी में स्नान करने के बाद ऊँ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य अर्पित करें। सूर्य को जल चढ़ाने के बाद किसी मंदिर में शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। बिल्व पत्र और धूतरा चढ़ाएं, चंदन का तिलक करें। मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
2. माघ मास में भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक जरूर करें। इसके लिए दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और शंख से भगवान का अभिषेक करें। भगवान को पीले चमकीले वस्त्र चढ़ाएं। तुलसी के साथ दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं। पूजा में ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय और कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जाप करें। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
3. जरूरतमंद लोगों को जूते-चप्पल, कंबल और अनाज का दान जरूर करें। किसी गौशाला में हरी घास और गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें।
ये खबरें भी पढ़ें...
40 हजार टन चट्टानों को काटकर बनाया गया है ये मंदिर, इसे बनने में लगे 100 साल, और भी इसके रहस्य
छत्तीसगढ़ के इस गांव में डायन देवी का मंदिर, यहां बिना भेंट चढ़ाएं आगे जाना माना जाता है अशुभ
भारत में यहां है कौरवों के मामा शकुनि का मंदिर, यहां क्यों आते हैं लोग?... कारण जान चौंक जाएंगे आप भी
भगवान विष्णु की इस प्रतिमा को बनने हैं लगे हैं 24 साल, कहां स्थित है जानकर रह जाएंगे हैरान