Holashtak 2022: होलाष्टक में क्यों नहीं किए जाते शुभ कार्य, क्या है इसकी मान्यता और अन्य खास बातें

Published : Mar 08, 2022, 09:50 AM ISTUpdated : Mar 15, 2022, 12:14 PM IST
Holashtak 2022: होलाष्टक में क्यों नहीं किए जाते शुभ कार्य, क्या है इसकी मान्यता और अन्य खास बातें

सार

हिंदू धर्म में होलाष्टक (Holashtak 2022) का विशेष महत्व माना जाता है। होलिका दहन के 8 दिन पहले होलाष्टक की शुरुआत होती है। इस बार होलाष्टक की शुरूआत 10 मार्च, गुरुवार से हो रही है, जो 17 मार्च तक रहेगा।

उज्जैन. धार्मिक मान्यता के मुताबिक सूर्य उदय के साथ तिथि की शुरुआत होती है, इसलिए 10 मार्च से शुरू होने वाला होलाष्टक 17 तारीख को होलिका दहन के साथ खत्म हो जाएगा। पूरे सप्ताह होलाष्टक (holashtak 2022) दोष होने की वजह से सभी शुभ काम पर रोक रहेगी। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, इस बार होलाष्टक में नवमी तिथि की वृद्धि होगी, लेकिन इसके बावजूद होलाष्टक आठ दिनों का ही रहेगा। ज्योतिष ग्रंथों में होलाष्टक को दोष माना जाता है, जिसमें विवाह, गृह प्रवेश, निर्माण कार्य आदि नहीं हो सकेंगे। ज्योतिष में तिथि वृद्धि को शुभ माना गया है। इसलिए होलाष्टक में नवमी तिथि के बढ़ने से दोष और अशुभ असर में कमी आएगी।

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इसलिए नहीं किए जाते शुभ कार्य?
माना जाता है कि इन 8 दिनों में राजा हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को भगवान विष्णु की भक्ति से हटाने के लिए विविध यातनाएं दी थीं। लेकिन विष्णु जी की कृपा से प्रहलाद ने हर कष्ट झेला। तब हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से मदद ली। होलिका को आग में ना जलने का वरदान प्राप्त था, जिस कारण वो प्रहलाद को लेकर अग्नि में बैठ गई। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद बच गए पर होलिका अग्नि में भस्म हो गई। इसलिए इन आठ दिनों में विष्णु भक्त प्रहलाद के लिए कष्टप्रद समय था, यही कारण है कि होलाष्टक के समय को अशुभ माना जाता है।

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कर सकते हैं खरीदारी
डॉ. मिश्र के मुताबिक कोई भी काम अगर शुभ मुहूर्त में किया जाता है, तो उससे उत्तम फल मिलता है। अशुभ मुहूर्त में किए गए कामों से कष्ट और हानि की आशंका रहती है। उन्होंने बताया कि होलाष्टक में शुभ कामों की मनाही होती है लेकिन लेन-देन और निवेश पर रोक नहीं होने से खरीदारी की जा सकेगी। 18 मार्च को होली उत्सव और 22 को रंगपंचमी मनाई जाएगी।

15 मार्च से शुरू होगा खरमास
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी का कहना है कि 14 मार्च से सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेगा, जो 14 अप्रैल तक रहेगा। सूर्य के राशि बदलने से खरमास की शुरुआत हो जाएगी। सूर्य के मीन राशि में रहते हुए विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन सहित कोई भी शुभ संस्कार नहीं किए जाते हैं। इसलिए अब 14 अप्रैल के बाद शादियां शुरू होंगी। इनमें अगला विवाह मुहूर्त 17 अप्रैल को रहेगा।

 

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