धर्म ग्रंथों के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा (Falgun Purnima 2022) की रात होलिका दहन (Holika Dahan 2022) करने की परंपरा है। इस बार ये तिथि 17 मार्च, गुरुवार को है। ज्योतिषियों की माने तो इस बार होलिका दहन पर ग्रहों का बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है, जो आज तक नहीं बना।
उज्जैन. पुरी और काशी के विद्वानों पूर्णिमा तिथि का स्वामी चंद्रमा होता है। जो कि इस बार देवगुरु बृहस्पति से दृष्टि संबंध बना रहा है। साथ ही सूर्य मित्र राशि में और शनि स्वराशि में रहेगा। सितारों की ये स्थिति होली को और भी खास बना रही है। इसके अलावा इस दिन 3 शुभ योग भी बना रहा है। इन शुभ योगों में की गई पूजा, उपाय आदि जीवन में सुख-समृद्धि लेकर आएंगे। होलिका दहन पर भगवान विष्णु और शिव की पूजा करनी चाहिए।
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ये 3 योग बना रहे हैं होली (Holi 2022) को खास
- इस बार 17 मार्च, गुरुवार को होलिका दहन होगा, ये दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति का माना जाता है। इस दिन बृहस्पति का दृष्टि संबंध चंद्रमा से होने पर गजकेसरी योग रहेगा। साथ ही इस दिन वरिष्ठ और केदार योग नाम के 2 अन्य शुभ योग भी बन रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ये तीनों राजयोग की श्रेणी में आते हैं।
- पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, पहली बार ऐसा हो रहा है जब होलिका दहन पर ये तीन राजयोग बन रहे हैं। साथ ही सूर्य का मित्र राशि में होना इस पर्व को और शुभ बना रहा है। ऐसी शुभ स्थिति आज तक नहीं बनी। होलिका दहन पर विशेष ग्रह-योग से रोग, शोक और दोष का नाश तो होगा ही, दुश्मनों पर भी जीत मिलेगी।
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करें भगवान विष्णु-शिव की पूजा, चंद्रमा को दें अर्ध्य
1. होलिका दहन पर भगवान विष्णु और शिवजी पूजा भी करनी चाहिए। फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर प्रह्लाद का जीवन विष्णु भक्ति की वजह से ही बचा था। तभी से इस तिथि पर होलिका दहन के साथ ही विष्णु पूजन की परंपरा भी चली आ रही है।
2. साथ ही इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से बीमारियां दूर होने लगती हैं और हर तरह के दोष भी खत्म होते हैं। इसलिए विद्वानों ने इस पर्व पर हरि-हर पूजा का विधान बताया है।
3. पूर्णिमा पर बन रहे सितारों के शुभ संयोग में चंद्रमा को अर्घ्य देने का विशेष महत्व रहेगा। फाल्गुन महीने की पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा करने से रोग नाश होता है। इस त्योहार पर पानी में दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए। इस तरह से चंद्र पूजा करने से बीमारियां दूर होने लगती हैं।
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