Jyeshtha month 2022: 17 मई से शुरू होगा ज्येष्ठ मास, इस महीने एक समय भोजन करने वाला बन सकता है धनवान

हिंदू पंचांग के अनुसार, एक साल में 12 महीने होते हैं। इनका क्रम इस प्रकार है- चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन, भादौ, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन। धर्म ग्रंथों में इन सभी महीनों का अलग-अलग महत्व बताया गया है।

उज्जैन. इस बार हिंदू पंचांग के तीसरे महीने यानी ज्येष्ठ मास (Jyeshtha month 2022) का आरंभ 17 मई, मंगलवार से हो रहा है, जो 14 जून, मंगलवार तक रहेगा। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार भी मनाए जाते हैं। इनमें शनि जयंती, गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी आदि प्रमुख हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार  इस महीने के स्वामी मंगलदेव हैं। इस महीने के अंतिम दिन चंद्रमा ज्येष्ठा नक्षत्र में होता है, इसलिए इस महीने का नाम ज्येष्ठ है। इस महीने से जुड़े कई नियम और परंपराएं धर्म ग्रंथों में बताई गई है। आगे जानिए ज्येष्ठ मास से जुड़ी कुछ खास बातें…
 

ज्येष्ठ माह में क्या करें और क्या नहीं?
1.
धर्म ग्रंथों के अनुसार ज्येष्ठ मास में दोपहर में सोना नहीं चाहिए। ऐसा करने से कई तरह की शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर बहुत जरूरी हो तो सिर्फ एक मुहूर्त यानी लगभग 48 मिनिट तक सो सकते हैं।
2. इस पूरे महीने में सूर्योदय से पहले उठकर नदी स्नान करने के बाद जल दान भी करना चाहिए। यानी प्यासे लोगों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। पुराणों के अनुसार, इस महीने में पानी का अपव्यय यानी पानी बर्बाद करने से वरुण दोष लगता है।
3. हिंदू पंचांग के तीसरे महीने यानी ज्येष्ठ मास में बैंगन खाने की मनाही है। आयुर्वेद के अनुसार इस महीने में बैंगन खाना शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इससे शरीर में वात (वायु) रोग और गर्मी बढ़ सकती है। इसलिए पूरे महीने बैंगन खाने से बचना चाहिए।
4. महाभारत के अनुसार-
ज्येष्ठामूलं तु यो मासमेकभक्तेन संक्षिपेत्।
ऐश्वर्यमतुलं श्रेष्ठं पुमान्स्त्री वा प्रपद्यते।।

यानी ज्येष्ठ मास में जो व्यक्ति सिर्फ एक समय भोजन करता है वह धनवान होता है। इसलिए संभव हो तो इन दिनों में एक समय भोजन करना चाहिए।
5. धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस महीने में तिल का दान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी करते हैं। ऐसा करने से सेहत से जुड़ी परेशानियां भी दूर होती हैं।
6. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ज्येष्ठ महीने के स्वामी मंगलदेव हैं। इसलिए इस महीने में हनुमानजी की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस महीने हनुमानजी की पूजा करने से हर तरह की परेशानियां दूर हो सकती हैं।

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