Aaj Ka Panchang 1 अगस्त 2022 का पंचांग: आज करें दूर्वा गणपति व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त व राहुकाल का समय

1 अगस्त 2022 श्रावण शुक्ल चतुर्थी तिथि है। इस दिन दूर्वा गणपति का पर्व मनाया जाएगा। सोमवार को पहले पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से ध्वज और उसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। 

Manish Meharele | / Updated: Aug 01 2022, 05:30 AM IST

उज्जैन. हिंदू धर्म में ज्योतिष का विशेष महत्व है क्योंकि इसी के माध्मय से शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त आदि निकाले जाते हैं। शुभ मुहूर्त देखने के लिए अक्सर पंचांग का उपयोग किया जाता है। पंचांग में वो सभी जानकारी आसानी से मिल जाती है, जो हमारे लिए जरूरी है। ज्योतिषियों के अनुसार हर साल का नया पंचांग बनाया जाता है, लेकिन ये अंग्रेजी कैलेंडर पर आधारित न होकर हिंदू नववर्ष पर आधारित होता है। पंचांग मुख्य रूप से 5 अंगों से मिलकर बनता है, इसीलिए इसे पंचांग कहते हैं। आगे जानिए पंचांग से जुड़ी खास बातें…

आज करें दूर्वा गणपति व्रत
प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश की विशेष पूजा की जाती है। श्रावण शुक्ल चतुर्थी का दूर्वा गणपति का व्रत किया जाता है। इस बार ये तिथि 1 अगस्त, सोमवार को है। इस दिन भगवान श्रीगणेश के निमित्तम व्रत रखा जाता है और शाम को चंद्रमा देखने के बाद ही व्रत पूर्ण किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि दूर्वा गणपति का व्रत करने से हर मनोकामना पूरी हो सकती है। ये व्रत मुख्य रूप से महिलाएं करती हैं।

1 अगस्त का पंचांग (Aaj Ka Panchang 1 August 2022)
1 अगस्त 2022, दिन सोमवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि रहेगी। इस दिन दूर्वा गणपति का पर्व मनाया जाएगा। सोमवार को सूर्योदय पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा, जो शाम को लगभग 4 बजे तक रहेगा, इसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। सोमवार को पहले पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से ध्वज और उसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इनके अलावा परिघ और शिव नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल सुबह 7:39 से 9:17 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
सोमवार को चंद्रमा और बुध सिंह राशि में, सूर्य कर्क राशि में, शुक्र मिथुन राशि में, शनि मकर राशि (वक्री), मंगल-राहु मेष राशि में, राहु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। सोमवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि मजबूरी में यात्रा करनी पड़े तो शीशे में अपना चेहरा देखकर या कोई भी फूल खा कर घर से निकलना चाहिए।

1 अगस्त के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- श्रावण
पक्ष- शुक्ल
दिन- सोमवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- पूर्वा और उत्तरा फाल्गुनी
करण- वणिज और विष्टि 
सूर्योदय - 6:01 AM
सूर्यास्त - 7:05 PM
चन्द्रोदय - Aug 01 8:51 AM
चन्द्रास्त - Aug 01 9:39 PM 
अभिजीत मुहूर्त - 12:07 PM – 12:59 PM

1 अगस्त का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 10:55 AM – 12:33 PM
कुलिक - 2:11 PM – 3:49 PM
दुर्मुहूर्त - 12:59 PM – 01:51 PM और 03:36 PM – 04:28 PM
वर्ज्यम् - 11:43 PM – 01:24 AM

सौर मंडल का केंद्र है सूर्य
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रह का विशेष महत्व है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य को तारों का जनक माना जाता है। सौर मंडल में यह केन्द्र में स्थित है। जन्म कुंडली के अध्ययन में सूर्य की अहम भूमिका होती है। ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है। इसके साथ ही ज्योतिष में सूर्य को पिता का प्रतिनिधित्व भी माना जाता है। सूर्य प्रभावी हो तो व्यक्ति अपने जीवन में यश प्राप्त करता है। ज्योतिष में सूर्य सिंह राशि का स्वामी माना गया है और मेष राशि में यह उच्च होता है, जबकि तुला सूर्य की नीच राशि मानी जाती है।

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