Aaj Ka Panchang 11 जून 2022 का पंचांग: त्रिविक्रम द्वादशी आज, स्वाती नक्षत्र से बनेगा सिद्धि नाम का शुभ योग

11 जून 2022, दिन शनिवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि रहेगी। शनिवार को सूर्योदय स्वाती नक्षत्र में होगा, जो पूरे दिन रहेगा। शनिवार को स्वाती नक्षत्र होने से सिद्धि नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है।
 

Manish Meharele | / Updated: Jun 11 2022, 05:30 AM IST

उज्जैन. प्राचीन समय में पंचांग दैनिक आवश्यकता की चीजों में से एक हुआ करता था क्योंकि सभी शुभ कार्य इसी को देखकर किए जाते थे। पंचांग के बारे में ग्रंथों में कहा गया है…तिथिर्वारश्च नक्षत्र योगः करण मेव च। एतेषां यत्र विज्ञानं पंचांग तन्निगद्यते ।। इसका मतलब है - तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण की जानकारी जिसमें मिलती है, उसे पंचांग कहा जाता है। अगर कहा जाए कि पंचांग एक प्राचीन हिंदू कैलेंडर है तो गलत नहीं होगा। पंचांग के माध्यम से हम शुभ मुहूर्त, राहु काल व ग्रहों के परिवर्तन के बारे में आसानी से जान सकते हैं। जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

आज करें त्रिविक्रम द्वादशी व्रत 
ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को त्रिविक्रम द्वादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत किया जाता है। इस पर्व के दौरान मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और यमुना नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने से गोमेध यज्ञ का पुण्य मिलता है। इस दिन भगवान के वामन या त्रिविक्रम रूप की पूजा करना चाहिए। साथ ही पानी से भरे मटके के साथ दक्षिणा भी देनी चाहिए। 

11 जून का पंचांग (Aaj Ka Panchang 11 June 2022)
11 जून 2022, दिन शनिवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि रहेगी। इसे त्रिविक्रम द्वादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। शनिवार को सूर्योदय स्वाती नक्षत्र में होगा, जो पूरे दिन रहेगा। शनिवार को स्वाती नक्षत्र होने से सिद्धि नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इस दिन राहुकाल सुबह 9:05 से 10:46 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
शनिवार को चंद्रमा तुला राशि में, सूर्य और बुध वृषभ राशि में, राहु मेष राशि में, केतु तुला राशि में, मंगल, गुरु और शु्क्र मीन में और शनि कुंभ राशि में रहेंगे। शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। पूर्व दिशा में यात्रा करना पड़े तो अदरक, उड़द या तिल खाकर घर से निकलें।

11 जून के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ
पक्ष- शुक्ल
दिन- शनिवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- स्वाती
करण- बव और बालव
सूर्योदय - 5:44 AM
सूर्यास्त - 7:08 PM
चन्द्रोदय - 3:55 PM
चन्द्रास्त - 3:28 AM
अभिजीत मुहूर्त - 11:59 AM – 12:53 PM

11 जून का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 2:07 PM – 3:47 PM
कुलिक - 5:44 AM – 7:24 AM
दुर्मुहूर्त - 07:31 AM – 08:25 AM
वर्ज्यम् - 07:12 AM – 08:39 AM

आकाश मंडल का 15वां नक्षत्र है स्वाती, राहु है इसका स्वामी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, स्वाती नक्षत्र का स्वामी राहु और नक्षत्र देवता वायु है। ये आकाश मंडल का 15वां नक्षत्र है। स्वाती का अर्थ स्वतंत्र है। स्वाति नक्षत्र पर तुला राशि तथा इस राशि के स्वामी ग्रह शुक्र का भी प्रभाव पड़ता है। शुक्र की ये विशेषताएं स्वाति नक्षत्र के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग संगीत और कला के प्रति आकर्षित होते हैं। यह हंसमुख होते हैं। इनकी दोस्ती का दायरा बड़ा होता है। धर्म-कर्म में इनकी खासी रूचि होती है। ये लोग परिश्रमी होते हैं और अपनी मेहनत के बल ही सफलता प्राप्त करते हैं। 
 

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