Aaj Ka Panchang 16 सितंबर 2022 का पंचांग: आज से शुरू होगी शरद ऋतु, जानें अभिजीत मुहूर्त का समय

Aaj Ka Panchang: 16 सितंबर, शुक्रवार को पहले कृत्तिका नक्षत्र होने छत्र और उसके बाद रोहिणी नक्षत्र होने से मित्र नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इनके अलावा सिद्धि नाम का एक अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेगा। 

Manish Meharele | / Updated: Sep 16 2022, 05:30 AM IST

उज्जैन. पंचांग के अनुसार, वर्तमान कल्प का नाम श्वेतवाराहकल्प हैं। वर्तमान सातवें वैवस्वत मन्वन्तर के 27 चतुर्युग बीत चुके हैं व इस समय 28 वे चतुर्युग में सत्य, त्रेता, द्वापर युग के बीतने के बाद कलियुग का संध्याकाल चल रहा है। विक्रम संवंत् 2079 तक कलियुग के 5124 वर्ष बीत चुके हैं। इस तरह की सूक्ष्म गणना भी पंचांग के माध्यम से की जा सकती है। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

16 सितंबर का पंचांग (Aaj Ka Panchang 16 september 2022)
16 सितंबर 2022, दिन शुक्रवार को आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि दोपहर 12.19 तक रहेगी, इसके बाद सप्तमी तिथि आरंभ हो जाएगी। शुक्रवार को कृत्तिका नक्षत्र सुबह 09.55 तक रहेगा। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। शुक्रवार को पहले कृत्तिका नक्षत्र होने छत्र और उसके बाद रोहिणी नक्षत्र होने से मित्र नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इनके अलावा सिद्धि नाम का एक अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेगा। इस दिन राहुकाल सुबह 10:50 से दोपहर 12:21 तक रहेगा।

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
शुक्रवार को चंद्रमा वृष राशि में रहेगा। बुध ग्रह कन्या में (वक्री), सूर्य और शुक्र सिंह राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर यात्रा करना जरूरी हो तो जौ या राईं खाकर घर से बाहर निकलें।

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16 सितंबर के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आश्विन
पक्ष-कृष्ण
दिन- शुक्रवार
ऋतु- शरद
नक्षत्र- कृत्तिका और रोहिणी
करण- वणिज और विष्टि
सूर्योदय - 6:17 AM
सूर्यास्त - 6:26 PM
चन्द्रोदय - Sep 16 10:34 PM
चन्द्रास्त - Sep 17 12:34 PM
अभिजीत मुहूर्त- 11:57 AM से 12:46 PM

16 सितंबर का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 3:23 PM – 4:54 PM
कुलिक - 7:48 AM – 9:19 AM
दुर्मुहूर्त - 08:43 AM – 09:31 AM, 12:46 PM – 01:34 PM
वर्ज्यम् - 03:32 AM – 05:18 AM

शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि है पूर्णिमा  
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कृष्ण और शुक्ल पक्ष मिलाकर कुल 16 तिथियां होती हैं। इनमें से 1 से लेकर 14 तक की तिथियां समान होती हैं। इनमें शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पूर्णिमा कहते हैं। इस तिथि को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन कई व्रत त्योहार भी मनाए जाते हैं। पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करना शुभ माना जाता है और सत्यनारायण की कथा भी विशेष रूप से करवाई जाती है।


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