19 जुलाई को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है। मंगलवार को पहले उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से सिद्धि और बाद में रेवती नक्षत्र होने से शुभ नाम के 2 योग इस दिन बन रहे हैं। इसके अलावा अतिगंड नाम का एक अशुभ योग भी इस दिन रहेगा।
उज्जैन. हम सभी पंचांग शब्द दिन में कई बार सुनते हैं। लेकिन बहुत कम ही लोग इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं। पंचांग को अगर पुरातन हिंदू कैलेंडर कहा जाए तो गलत नहीं होगा। पंचांग पांच अंग शब्द से बना है। वो पांच प्रमुख अंग हैं- नक्षत्र, तिथि, योग, करण और वार। पंचांग में उस दिन के शुभ मुहूर्त, शुभ योग, ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति आदि के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है, जो हमारे लिए बहुत काम की होती है। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…
मंगला गौरी व्रत आज
सावन मास के प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत किया जाता है। इस बार पहला मंगला गौरी व्रत 19 जुलाई को है। इस दिन देवी पार्वती की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि जो कुंवारी कन्या इस दिन व्रत और पूजा करती है, उसे योग्य जीवनसाथी मिलता है, वहीं अगर विवाहित महिलाएं ये व्रत करें तो उनके दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहती है और सभी तरह के सुख उन्हें प्राप्त होते हैं। कई धर्म ग्रंथों में इस व्रत का महत्व बताया गया है।
19 जुलाई का पंचांग (Aaj Ka Panchang 19 July 2022)
19 जुलाई 2022, दिन मंगलवार को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि सुबह लगभग 8 बजे तक रहेगी, इसके बाद सप्तमी तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन सूर्योदय उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में होगा, जो शाम 5.45 तक रहेगा, इसके बाद रेवती नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। मंगलवार को पहले उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से सिद्धि और बाद में रेवती नक्षत्र होने से शुभ नाम के 2 योग इस दिन बन रहे हैं। इसके अलावा अतिगंड नाम का एक अशुभ योग भी इस दिन रहेगा। इस दिन राहुकाल दोपहर 03:51 से शाम 05:31 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
मंगलवार को चंद्रमा मीन में, सूर्य-बुध कर्क राशि में, शुक्र मिथुन राशि में, शनि मकर राशि (वक्री), मंगल-राहु मेष राशि में, केतु तुला राशि में और गुरु (वक्री) मीन राशि में रहेंगे। मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि निकलना पड़े तो गुड़ खाकर यात्रा पर जाना चाहिए।
19 जुलाई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- श्रावण
पक्ष- कृष्ण
दिन- मंगलवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- उत्तरा भाद्रपद और रेवती
करण- विष्टि और बव
सूर्योदय - 5:55 AM
सूर्यास्त - 7:10 PM
चन्द्रोदय - Jul 19 11:37 PM
चन्द्रास्त - Jul 20 12:18 PM
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:06 से 12:59 तक
19 जुलाई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 9:14 AM – 10:53 AM
कुलिक - 12:33 PM – 2:12 PM
दुर्मुहूर्त - 08:34 AM – 09:27 AM और 11:28 PM – 12:11 AM
वर्ज्यम् - 12:31 AM – 02:10 AM
वज्र योग (Vajra Yoga)
ज्योतिष शास्त्र में 27 शुभ-अशुभ योगों के बारे में बताया गया है। ये पंचांग के 5 अंगों में से एक है। इनमें से पंद्रहवे योग का नाम वज्र है। ज्योतिष शास्त्र में इस योग तो अशुभ माना गया है। वज्र योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति वज्र के समान मजबूत और शक्तिशाली होता है। यह कई प्रकार की विद्याओं में निपुण होते हैं और अस्त्र-शस्त्र चलाने में पारंगत होते हैं। इन्हें आम तौर पर धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है।
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