PM मोदी ने रेवती नक्षत्र में किया Kashi Vishwanath corridor का लोकार्पण, जानिए इस नक्षत्र से जुड़ी खास बातें

Published : Dec 13, 2021, 02:37 PM ISTUpdated : Dec 13, 2021, 03:10 PM IST
PM मोदी ने रेवती नक्षत्र में किया Kashi Vishwanath corridor का लोकार्पण, जानिए इस नक्षत्र से जुड़ी खास बातें

सार

आज वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath corridor) के नए परिसर का लोकार्पण हो रहा है। PM मोदी (PM Narendra Modi) ने मंदिर में मंत्रोच्चार के साथ पूजा-पाठ की यहां धर्माचार्यों और विशिष्टजनों से संवाद भी किया। इसके बाद कॉरीडोर का लोकार्पण किया। लोकार्पण के लिए शुभ मूहूर्त रेवती नक्षत्र में दोपहर 1.37 बजे से 1.57 बजे तक 20 मिनट का था।

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र में रेवती नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना गया है। यह एक नक्षत्र है और 32 तारों का एक समूह है। ज्योतिषियों की माने तो इस नक्षत्र में विद्या का आरंभ, गृह प्रवेश, विवाह, सम्मान प्राप्ति, देव प्रतिष्ठा, वस्त्र निर्माण इत्यादि कार्य संपन्न किए जाते हैं। इस नक्षत्र के देवता पूषा हैं। यह मीन राशि का अंतिम नक्षत्र है। इसके स्वामी ग्रहों में बुध हैं। इस नक्षत्र पर गुरू एवं बुध का संयुक्त प्रभाव होता है। आगे जानिए इस नक्षत्र से जुड़ी और भी खास बातें…

1. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, दिखने में एक मृदंग की आकृति जैसा है। इस नक्षत्र में जन्मे लोगों की राशि मीन है और इस नक्षत्र का स्वामी बुध व राशि स्वामी देवताओं के गुरु बृहस्पति हैं। बुध बुद्धि के कारक ग्रह हैं, साथ ही इसे वणिक ग्रह भी माना गया है।
2. रेवती 27 नक्षत्रों में से अंतिम होने के कारण अपने मूल निवासी के जीवन को पोषण और प्रकाश प्रदान करने की क्षमता रखती है। इस सितारे का फलदायक यात्राओं के साथ संबंध है। रेवती का अर्थ 'समृद्ध' है और यह समृद्धि और धन का प्रतीक है। रेवती नक्षत्र के मूल निवासी सभी को सहायता प्रदान करते हैं और अधिकांश समय आशावादी बने रहते हैं।
3. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, बुध रेवती नक्षत्र का शासक ग्रह है। यह एक ड्रम प्रतीत होता है जो गहरी शिक्षा, सुरक्षित यात्रा और धन का प्रतीक है। पूषन (झुंडों और झुंडों का रक्षक) इस नक्षत्र के लिए हिंदू देवता हैं।
4. रेवती नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्मा व्यक्ति ज्ञानी होता है। लग्न नक्षत्र स्वामी बुध नक्षत्र चरण स्वामी से शत्रुता रखता है। अत: गुरु की दशा अत्यंत शुभ फल देती है। गुरु की दशा में व्यक्ति को पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी एवं यह दशा जातक के लिए स्वास्थ्य वर्धक रहेगी। बुध की दशा मध्यम फल देगी। 
5. रेवती नक्षत्र के दूसरे चरण के स्वामी शनि हैं। रेवती नक्षत्र के दूसरे चरण में जन्मे लोगों की रुचि तस्करी में होती है। नक्षत्र चरण के स्वामी शनि से लग्नेश गुरु शत्रुता रखता है तथा नक्षत्र स्वामी बुध की भी गुरु से शत्रुता है। अत: गुरु और शनि की दशा मध्यम फल देती है तथा बुध की दशा अत्यंत शुभ फल देती है। बुध की दशा में गृहस्थ सुख एवं भौतिक उपलब्धियां प्राप्त होती हैं। 

ये खबरें भी पढ़ें...

बाबा विश्वनाथ ही नहीं अन्य 11 ज्योतिर्लिंग भी स्थापित हैं काशी में, जानिए कहां हैं इनके मंदिर

ये हैं काशी के 4 प्रमुख मंदिर, इन सभी से जुड़ी है अनोखी मान्यताएं और परंपराएं

ग्रंथों में बताई गई सप्तपुरियों में से एक है काशी, क्या आप जानते हैं इससे जुड़ी ये 8 खास बातें

POK में शुरू हुआ शारदा देवी मंदिर का निर्माण, 5 हजार साल पुराना है इस धर्म स्थल का इतिहास

Geeta Jayanti 2021: जीवन नष्ट कर देती हैं ये 3 बुरी आदतें, ये हैं श्रीमद्भगवद गीता के लाइफ मैनेजमेंट

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Aaj Ka Rashifal 8 December 2025: किसे मिलेगा किस्मत का साथ-कौन रहेगा खाली हाथ? जानें राशिफल से
Aaj Ka Panchang 8 दिसंबर 2025: आज कौन-सी तिथि और नक्षत्र? जानें दिन भर के मुहूर्त की डिटेल