जिनकी कुंडली में शनि अशुभ स्थान पर हो या जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती या ढय्या चल रही हो, उन्हें कई परेशानियां को सामना करना पड़ता है। शनि दोष का प्रभाव कम करने के लिए ज्योतिषी नीलम पहनने की सलाह देते हैं। अगर आप भी नीलम रत्न को धारण करते हैं तो इससे जुड़ी ये 8 बातों आपको पता होनी चाहिए।
उज्जैन. जिनकी कुंडली में शनि अशुभ स्थान पर हो या जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती या ढय्या चल रही हो, उन्हें कई परेशानियां को सामना करना पड़ता है। शनि दोष का प्रभाव कम करने के लिए ज्योतिषी नीलम पहनने की सलाह देते हैं। अगर नीलम आपके लिए पॉजिटिव असर देने वाला हो तो इसके अच्छे परिणाम कुछ ही दिनों में देखने को मिलने लगते हैं, वहीं अगर नीलम आपके लिए शुभ फलदायक न हो तो इसके नकारात्मक परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं। इसलिए अगर आप भी नीलम रत्न को धारण करते हैं तो इससे जुड़ी ये 8 बातों आपको पता होनी चाहिए...
1. नीलम रत्न धारण करने पर उसका प्रभाव तेजी से दिखने को मिलता है। ऐसे में अगर यह रत्न आपके लिए सकारात्मक फल देने वाला नहीं है तो आंखों में तकलीफ महसूस होने लगती है।
2. अगर नीलम रत्न आपके लिए प्रतिकूल हो तो इसे धारण करने के बाद आपके साथ कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है या आपको बड़ी चोट लग सकती है।
3. अगर नीलम रत्न धारण करना आपके लिए शुभ न हो तो इसका नकारात्मक प्रभाव आपकी आर्थिक स्थिति पर भी देखा जा सकता है यानी आपको पैसों का नुकसान होने लगता है।
4. जिस व्यक्ति के लिए नीलम धारण करना अनुकूल नहीं होता, उन्हें इसे पहनने के बाद बुरे और डरावने सपने भी आ सकते हैं। जो इस बात का संकेत होते हैं कि आपके लिए ये रत्न शुभ नहीं है।
5. जिन लोगों के लिए नीलम रत्न पहनना शुभ और अनुकूल होता है, उनके सालों के अटले अधूरे काम पूरे होने लगते हैं या पहले किए गए कामों का पॉजिटिव असर जीवन पर दिखने लगता है।
6. जिन लोगों के लिए नीलम धारण करना शुभ होता है, उन्हें इसे पहनने के कुछ दिनों बाद ही लंबे समय से चली आ रही स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां से छुटकारा मिलने लगता है।
7. जिनके लिए नीलम पहनना शुभ होता है, उन्हें नीलन धारण करने के बाद आर्थिक लाभ मिलने लगते हैं। नौकरी और बिजनेस में उन्नति मिलना भी नीलम के शुभ होने का संकेत होते हैं।
8. नीलम धारण करने के बाद आपकी दुर्घटनाएं टल जाना या नुकसान होते-होते परिस्थिति संभल जाना भी इसी बात का संकेत होता है कि आपके लिए यह रत्न शुभ है।