नवग्रहों के राजा हैं सूर्यदेव, हर व्यक्ति के जीवन पर डालते हैं शुभ-अशुभ प्रभाव, इस विधि से करें आराधना

Published : Jun 29, 2021, 08:45 AM ISTUpdated : Jun 29, 2021, 10:22 AM IST
नवग्रहों के राजा हैं सूर्यदेव, हर व्यक्ति के जीवन पर डालते हैं शुभ-अशुभ प्रभाव, इस विधि से करें आराधना

सार

वैदिक ज्योतिष में सूर्यदेव का विशेष महत्व है। मान्यता है की सूर्य की उपासना करने से रोगों से मुक्ति मिलती है। वैदिक ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों का राजा कहा गया है।

उज्जैन. व्यक्ति की कुंडली में सूर्यदेव का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह मनुष्य के जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं। ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक ग्रह माना गया है। आगे जानिए सूर्य उपासना का महत्व और नियम…

कुंडली में सूर्य का प्रभाव
1.
अगर किसी व्यक्ति पर सूर्य की कृपा होती है तो उसके सभी बिगड़े हुए काम जल्दी पूरे होने लगते हैं। रास्ते में पड़ने वाली बाधाएं हटने लगती हैं।
2. सूर्यदेव की कृपा होने पर कुंडली में नकारात्मक प्रभाव देने वाले ग्रहों का प्रभाव कम हो जाता है। धन प्राप्ति के योग बनते हैं और घर में हमेशा सुख-शांति का वातावरण बना रहता है।
3. व्यक्ति की कुंडली में सूर्य प्रबल होने पर मान-सम्मान, नेतृत्व क्षमता में वृद्धि और सरकारी नौकरी के अवसर प्राप्त होते हैं।

सूर्यदेव का महत्व 
- ज्योतिष के अनुसार सूर्य को नवग्रहों में प्रथम ग्रह और पिता के भाव कर्म का स्वामी माना गया है। जीवन से जुड़े तमाम दुखों और रोग आदि को दूर करने के साथ-साथ जिन्हें संतान नहीं होती उन्हें सूर्य साधना से लाभ होता हैं।
- पिता-पुत्र के संबंधों में विशेष लाभ के लिए सूर्य साधना पुत्र को करनी चाहिए। वैदिक काल से ही भारत में सूर्य की पूजा का प्रचलन रहा है। पहले यह साधना मंत्रों के माध्यम से हुआ करती थी, लेकिन बाद में उनकी मूर्ति पूजा भी प्रारंभ हो गई।
- जिसके बाद तमाम जगह पर उनके भव्य मंदिर बनवाए गए। प्राचीन काल में बने भगवान सूर्य के अनेक मन्दिर आज भी भारत में हैं। सूर्य की साधना-अराधना से जुड़े प्रमुख प्राचीन मंदिरों में कोणार्क, मार्तंड और मोढ़ेरा आदि हैं। 

इस विधि से करें सूर्य की साधना
- सूर्यदेव की पूजा के लिए सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें। इसके पश्चात् उगते हुए सूर्य का दर्शन करते हुए उन्हें ॐ घृणि सूर्याय नम: कहते हुए जल अर्पित करें।
- सूर्य को दिए जाने वाले जल में लाल रोली, लाल फूल मिलाकर जल दें। सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात्प लाल आसन में बैठकर पूर्व दिशा में मुख करके सूर्य के मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें। 
- सूर्य की साधना में मंत्रों का जप करने पर मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती है। सुख-समृद्धि और अच्छी सेहत का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- सूर्य के आशीर्वाद से आपके भीतर एक नई ऊर्जा का संचार होता है। जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता दिलाने वाले सूर्य मंत्र इस प्रकार हैं - 
1. ॐ घृणि सूर्याय नमः।।
2. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पतेए अनुकंपयेमां भक्त्याए गृहाणार्घय दिवाकररू।।
3. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।।

हिंदू धर्म ग्रंथों की इन शिक्षाओं के बारे में भी पढ़ें

मान्यता: सप्ताह के इन 3 दिनों में नए कपड़े पहनने से बचना चाहिए, जरूरी हो तो इस बात का ध्यान रखें

भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा में ध्यान रखनी चाहिए ये बातें, कौन-से फूल चढ़ाएं और कौन-से नहीं?

शुक्रवार को भूलकर भी न करें ये 4 काम, नहीं तो करना पड़ सकता है धन हानि का सामना

सूर्यास्त के बाद नहीं करने चाहिए ये 5 काम, इससे नाराज हो जाती हैं देवी लक्ष्मी और बनी रहती है गरीबी

क्या वाकई हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता हैं? जानिए क्या है इस मान्यता से जुड़ी सच्चाई

 

PREV

Recommended Stories

Aaj Ka Rashifal 6 December 2025: बुध का वृश्चिक राशि में प्रवेश, किसके लिए शुभ-किसके लिए अशुभ?
Mangal Gochar 2025: मंगल बदलेगा राशि, 5 राशि वालों पर टूटेगी मुसीबत-हर काम में मिलेगी असफलता