कुंडली के किस भाव में हो राहु-केतु तो अशुभ फल से बचने के लिए कौन-सा उपाय करें, जानिए

जन्म कुंडली में 12 भाव होते हैं। इनमें स्थित ग्रहों की स्थिति के आधार पर ही हमें शुभ-अशुभ फल प्राप्त होते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं राहु-केतु जन्म कुंडली के किस भाव में होते हैं तो क्या फल मिलता है और उसके अशुभ फल से बचने के लिए क्या उपाय करना चाहिए।

Asianet News Hindi | Published : Apr 21, 2021 3:52 AM IST

उज्जैन. जन्म कुंडली में 12 भाव होते हैं। इनमें स्थित ग्रहों की स्थिति के आधार पर ही हमें शुभ-अशुभ फल प्राप्त होते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं राहु-केतु जन्म कुंडली के किस भाव में होते हैं तो क्या फल मिलता है और उसके अशुभ फल से बचने के लिए क्या उपाय करना चाहिए। हालांकि ये उपाय करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह ‌अवश्य लेनी चाहिए।

1. यदि आपकी कुंडली के पहले भाव में राहु और सातवें भाव में केतु हो तो चांदी की ठोस गोली अपने पास रखें।
2. यदि आपकी कुंडली के दूसरे भाव में राहु और आठवें में केतु हो तो दो रंग या ज्यादा रंगों वाला कंबल दान करें।
3. यदि कुंडली के तीसरे भाव में राहु और नवम भाव में केतु हो तो बाएं हाथ की कनिष्ठा में सोने का छल्ला पहनें या चने की दाल बहते पानी में बहाएं।
4. यदि आपकी कुंडली के चौथे भाव में राहु और दसम भाव में केतु हो तो चांदी की डिब्बी में शहद भरकर घर के बाहर जमीन में दबाएं।
5. यदि आपकी कुंडली के पांचवें भाव में राहु और ग्यारहवें भाव में केतु हो तो घर में चांदी का ठोस हाथी रखें।
6. यदि कुंडली के छठे भाव में राहु और बारहवें भाव में केतु हो तो बहन की सेवा करें, ताजे फूल अपने पास रखें व कुत्ता पालें।
7. यदि आपकी कुंडली के सातवें भाव में राहु और पहले भाव में केतु हो तो लोहे की गोली को लाल रंग से रंगकर अपने पास रखें।
8. यदि कुंडली के अष्टम भाव में राहु और दूसरे भाव में केतु हो तो 800 ग्राम सिक्कों के आठ टुकड़े करके एक साथ बहते पानी में प्रवाहित करना अच्छा होगा।
9. यदि कुंडली के नवम भाव में राहु और तीसरे भाव में केतु हो तो चने की दाल पानी में प्रवाहित करें। चांदी की ईंट बनवाकर घर में रखें।
10. यदि कुंडली के दसम भाव में राहु और चौथे भाव में केतु हो तो पीतल के बर्तन में बहती नदी या नहर का पानी भरकर घर में रखना चाहिए।
11. कुंडली के ग्यारहवें भाव में राहु और पांचवें भाव में केतु होने 43 दिनों तक गाजर या मूली लेकर सोते समय सिरहाने रखकर सुबह मंदिर आदि में दान कर दें।
12. यदि कुंडली के बारहवें भाव में राहु और छठे भाव में केतु हो तो लाल रंग की बोरी के आकार की थैली बनाकर उसमें सौंफ या खांड भरकर सोने वाले कमरे में रखना चाहिए। कपड़ा चमकीला न हों। केतु के लिए सोने के जेवर पहनना उत्तम होगा।

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