सार
आज (7 अप्रैल, बुधवार) चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। इसे पापमोचनी एकादशी कहते हैं। ये तिथि विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन उनकी पूजा विशेष फल देने वाली होती है।
उज्जैन. पापमोचनी एकादशी पर व्रत रखने के साथ भगवान सत्यनारायण की कथा और भगवान विष्णु के विभिन्न मंत्रों का जाप करते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष स्तुति करनी चाहिए। इसके विधि इस प्रकार है…
भगवान विष्णु की स्तुति
शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम्।
लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्।।
यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे:।
सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा:।
ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो
यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम:।।
स्तुति करने की विधि
1. एकादशी की सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें।
2. पीले फूल, पीले फल और पीले वस्त्र अर्पित करें। गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं।
3. गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं और एक ऊपर बताई गई स्तुति का पाठ करें।
4. कम से कम 11 बार ये स्तुति बोलें। इससे आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
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