साल 2022 का दूसरा महीना फरवरी शुरू हो चुका है। इस महीने में कई पर्व और बड़े व्रत किए जाएंगे। माघ माह में पवित्र नदियों में स्नान, सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने का और मंत्र जाप करने की परंपरा है। इस हिंदी महीने में गुप्त नवरात्र, वसंत पंचमी, रथ सप्तमी, जया एकादशी और कुंभ संक्रांति पर्व रहेंगे।
उज्जैन. माघ के आखिरी दिन स्नान-दान का माघी पूर्णिमा महापर्व मनाया जाएगा। इसके बाद हिंदी कैलेंडर का आखिरी महीना फाल्गुन शुरू हो जाएगा। फाल्गुन महीने की विजया एकादशी फरवरी में रहेगी। फाल्गुन मास के अंतिम दिन होलिका दहन किया जाता है, जो कि मार्च में किया जाएगा। आगे जानिए फरवरी 2022 में कब, कौन-सा पर्व मनाया जाएगा।
गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022)
2 फरवरी से नौ दिवसीय गुप्त नवरात्रि शुरू हो रही है। इन दिनों में देवी मां की गुप्त साधनाएं की जाती हैं। माघ महीने में आने वाले ये नवरात्र संवत्सर के आखिरी नवरात्र रहेंगे। साल में आने वाली दो गुप्त नवरात्रियों में ये दूसरी और आखिरी होती है। इसके एक महीने बाद यानी चैत्र में नववर्ष की शुरुआत के साथ वासंती नवरात्र रहेंगे।
वसंत पंचमी (Vasant Panchami 2022)
वसंत पंचमी पर देवी सरस्वती का प्रकट उत्सव मनाया जाता है। माता को सफेद फूल चढ़ाएं और धूप-दीप जलाकर पूजा करें। जरूरतमंद बच्चों को पढ़ाई के लिए अपनी शक्ति के अनुसार धन और किताबों का दान करें। इस बार ये पर्व 3 फरवरी, शनिवार को रहेगा।
रथ सप्तमी (Rath Saptami 2022)
माघ महीने में सूर्य पूजा का बहुत महत्व होता है। इसलिए माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर सूर्य पूजा पर्व मनाया जाता है। जो की भगवान सूर्य नारायण के रथ के नाम पर है। इस दिन रथ सप्तमी व्रत किया जाता है और उगते हुए सूर्य को जल चढ़ाया जाता है। साथ ही इस दिन मां नर्मदा का प्राकट्योत्सव भी मनाया जाता है। इस दिन नर्मदा नदी की पूजा और चुनरी चढ़ाने की भी परंपरा है। इसे अचला सप्तमी भी कहा जाता है।
इस महीने में 2 एकादशी
इस महीने में 12 और 26 फरवरी को एकादशी का व्रत किया जाएगा। 12 तारीख को अजा (Aja Ekadashi 2022) एकादशी रहेगी। इस दिन विष्णु पूजा के साथ ही तिल का दान करने की और तिल का उबटन लगाकर स्नान करने का विशेष महत्व है। 26 फरवरी को विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi 2022) व्रत किया जाएगा।
कुंभ संक्रांति
माघ महीने का संक्रांति पर्व 13 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। संक्रांति होने से इस दिन तीर्थ स्नान और दान करने का विधान बताया गया है। इस पर्व पर किया गया स्नान-दान कई गुना शुभ फल देने वाला रहेगा।
माघ पूर्णिमा (Maghi Purnima 2022)
फरवरी के तीसरे हफ्ते में (16 फरवरी) माघ मास की आखिरी तिथि यानी माघी पूर्णिमा रहेगी। इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा करने का महत्व काफी अधिक है। सुबह स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य चढ़ाएं। किसी मंदिर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। इस पूर्णिमा पर नदी में स्नान करने के बाद दान-पुण्य करने की परंपरा है।