16 अप्रैल की रात से बुध ग्रह ने मीन से मेष राशि में प्रवेश कर लिया है। अब ये ग्रह 30 अप्रैल तक मेष राशि में ही रहेगा। ग्रह के राशि परिवर्तन की तारीख के संबंध में पंचांग भेद भी हैं।
उज्जैन. बुध को नौ ग्रहों का युवराज माना जाता है। बुध देव चंद्र के पुत्र माने गए हैं, लेकिन ये ग्रह चंद्र को शत्रु मानता है। ये ग्रह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। कुंडली में इस ग्रह की शुभ-अशुभ स्थिति का असर हमारी बुद्धि पर और शिक्षा से संबंधित कामों पर होता है। व्यापार पर भी ये ग्रह असर डालता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार बुध की वजह से कुछ राशियों की परेशानियां बढ़ सकती हैं। जिन लोगों के बुध के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, वे इससे बचने के लिए आगे बताए गए उपाय करें…
1. बुध ग्रह के अशुभ असर को दूर करने के लिए हर बुधवार जरूरतमंद लोगों को हरे मूंग का दान करें।
2. भगवान श्रीगणेश को दूर्वा की 21 गांठ चढ़ाएं।
3. बुध ग्रह के मंत्र ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः का जाप कम से कम से 108 बार करें। मंत्र जाप हर बुधवार करना चाहिए।
4. किसी गौशाला में हरी घास का दान करें।
5. बुध ग्रह बुद्धि के देवता हैं, इस राशि परिवर्तन के बाद बुद्धि से संबंधित काम करते समय विशेष सतर्कता रखें।
- मिथुन, कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के लोगों के लिए बुध की स्थिति अच्छी रहने वाली है। सोचे-समझे काम पूरे हो पाएंगे। अटके कामों में गति आने से मन प्रसन्न रहेगा। कोई बड़ी सफलता मिल सकती है।
- मेष, सिंह, तुला, धनु और कुंभ राशि के लोगों को जितना काम करेंगे, उतना फल मिलेगा। भाग्य के भरोसे बैठे रहने से काम पूरे नहीं हो पाएंगे, इसीलिए आगे बढ़ते रहें।
- वृष, कन्या और मकर राशि वाले लोगों को अतिरिक्त सतर्कता रखनी होगी। छोटी सी लापरवाही भी बड़ा नुकसान करवा सकती है। विशेषज्ञ लोगों से मार्गदर्शन लेकर ही आगे बढ़ें।