15 जून को मिथुन संक्रांति पर करें सूर्यदेव की पूजा, सूर्य के राशि परिवर्तन का क्या होगा देश-दुनिया पर असर

15 जून, मंगलवार की सुबह लगभग 6.17 पर सूर्य वृष से निकलकर मिथुन राशि में चला जाएगा। इसलिए इस दिन मिथुन संक्रांति पर्व मनाया जाएगा। इस दिन से तीसरे सौर महीने की शुरुआत होती है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 14, 2021 3:44 AM IST / Updated: Jun 14 2021, 10:42 AM IST

उज्जैन. इस महीने में ही वर्षा ऋतु भी आ जाती है। मिथुन संक्रांति ज्येष्ठ और आषाढ़ महीने में आती है। इन महीनों में भगवान सूर्य की विशेष पूजा की पंरपरा है। इसलिए ये संक्रांति पर्व और भी खास हो जाता है।

संक्रांति का महत्व
- पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि ज्योतिष और धर्म ग्रंथों में सूर्य के राशि बदलने को संक्रांति कहते हैं। पुराणों में इस दिन को पर्व कहा गया है। सूर्य जिस भी राशि में प्रवेश करता है उसे उसी राशि की संक्रांति कहा जाता है।
- सूर्य एक साल में 12 राशियां बदलता है इसलिए साल भर में ये पर्व 12 बार मनाया जाता है। जिसमें सूर्य अलग-अलग राशि और नक्षत्रों में रहता है। संक्रांति पर्व पर दान-दक्षिणा और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है।

ये है संक्रांति का पुण्यकाल
- स्कंद और सूर्य पुराण में ज्येष्ठ महीने में सूर्य पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। इस हिंदू महीने में मिथुन संक्रांति पर सुबह जल्दी उठकर भगवान सूर्य को जल चढ़ाया जाता है। इसके साथ ही निरोगी रहने के लिए विशेष पूजा भी की जाती है।
- सूर्य पूजा के समय लाल कपड़े पहनने चाहिए। पूजा सामग्री में लाल चंदन, लाल फूल और तांबे के बर्तन का उपयोग करना चाहिए। पूजा के बाद मिथुन संक्रांति पर दान का संकल्प लिया जाता है। इस दिन खासतौर से कपड़े, अनाज और जल का दान किया जाता है।
- 15 जून को सूर्योदय के बाद ही करीब 6.17 पर सूर्य का राशि परिवर्तन होगा। इस वजह से सूर्य पूजा और दान करने के लिए पुण्यकाल सुबह 06.17 से दोपहर 1:45 तक रहेगा। इस मुहूर्त में की गई पूजा और दान से बहुत पुण्य मिलता है। इसी दौरान किए गए श्राद्ध से पितर संतुष्ट होते हैं।

Latest Videos

संक्रांति का असर
- ज्योतिष ग्रंथों में तिथि, वार और नक्षत्रों के मुताबिक हर महीने होने वाली सूर्य संक्रांति का शुभ-अशुभ फल बताया गया है। इस बार मिथुन संक्रांति का वाहन सिंह है।
- इस कारण लोगों में डर और चिंता बढ़ेगी। इसके प्रभाव से वस्तुओं की लागत सामान्य होगी। साथ ही इसके अशुभ प्रभाव से लोग खांसी और संक्रमण से परेशान रहेंगे।
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुछ देशों के बीच तनाव और संघर्ष बढ़ सकता है। देश में कहीं ज्यादा तो कहीं कम बारिश होगी।
- अपराधों और गलत कामों को बढ़ावा मिलेगा। क्रूर, पापी और भ्रष्ट लोगों के लिए यह संक्रान्ति अच्छी है।

Share this article
click me!

Latest Videos

क्यों फिर आमने-सामने डॉक्टर्स और ममता सरकार, क्या है 'हल्लाबोल' का कारण
Israel Lebanon War के बीच Iran ने बरसाई सैकड़ों मिसाइलें, नेतन्याहू ने कर दिया बड़ा ऐलान
Congress LIVE: अभिषेक सिंघवी और श्री जयराम रमेश द्वारा कांग्रेस पार्टी की ब्रीफिंग।
Iran Attack on Israel: इजराइल के सामने बड़ी मुश्किल, ईरान के ये 7 'प्यादे' बढ़ा रहे हैं टेंशन
ईरान के किस नेता को अब मौत की नींद सुलाने जा रहा इजराइल, ये है वो नाम