Nagpanchami 2022: इस बार कब है नागपंचमी, क्यों मनाते हैं पर्व, इस दिन कौन-कौन से शुभ योग बनेंगे?

सावन मास में कई प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं, नागपंचमी (Nagpanchami 2022) भी इनमें से एक है। ये पर्व सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार नागपंचमी 2 अगस्त, मंगलवार को है। इस दिन नागों की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
 

Manish Meharele | Published : Jul 20, 2022 10:30 AM IST / Updated: Jul 21 2022, 12:11 PM IST

उज्जैन. हिंदू धर्म में सभी प्राणियों को देवता मानकर पूजा जाता है। नाग भी इनमें से एक है। हर साल श्रावण शुक्ल पंचमी को नागपंचमी (Nagpanchami 2022) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये उत्सव 2 अगस्त, मंगलवार को है। इस दिन नागदेवता की पूजा करने का विधान है। नागों का वर्णन हमारे कई धर्म ग्रंथों में मिलता है। नाग भगवान शिव का आभूषण भी है विष्णुजी की शैय्या भी। इसलिए हिंदू धर्म में इन्हें पूजनीय माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि नागपंचमी पर नागदेवता की पूजा करने से सर्प भय नहीं रहता। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है वे भी इस दिन कुछ खास उपाय करते हैं। आगे जानिए नागपंचमी पर्व का महत्व व अन्य खास बातें…   

नागपंचमी पर बनेंगे ये शुभ योग (Nagpanchami 2022 Shubh Yog)
पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 2 अगस्त, मंगलवार की सुबह लगभग 05:13 से शुरू होगी, जो 3 अगस्त, बुधवार की सुबह 05:42 तक रहेगी। पंचमी की उदया तिथि 2 अगस्त को होने से नागपंचमी का पर्व इसी दिन मनाना शास्त्र सम्मत रहेगा। इस दिन उत्तरा फाल्गुनी और हस्त नक्षत्र होने से धाता और सौम्य नाम के 2 शुभ योग बन रहे हैं। इसके अलावा शिव और सिद्ध नाम के 2 अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेंगे।

ये है नागपंचमी की कथा (Nagpanchami Ki Katha)
- पौराणिक कथाओं के अनुसार, किसी नगर में एक किसान अपने परिवार के साथ रहता था। एक दिन जब किसान अपने खेत में हल चला रहा था तो नागिन के बच्चे हल के नीचे आकर मर गए। 
- अपने बच्चों को मरा हुआ देखकर नागिन पहले तो बहुत दुखी हुई और फिर उसने क्रोध में आकर किसान, उसकी पत्नी और लड़कों को डस लिया। नागिन के काटने से उन सभी की मौत हो गई।
- जब नागिन किसान की लड़की को काटने गई तो उसने देखा कि वो लड़की तो नागपंचमी का व्रत कर रही है। ये देखकर नागिन बहुत प्रसन्न हुई और उसने किसान की लड़की से वरदान मांगने को कहा।
- किसान कन्या ने अपने माता-पिता और भाइयों को जीवित करने का वर मांगा। नागिन ने प्रसन्न होकर किसान परिवार को जीवित कर दिया। तभी से नागपंचमी पर नागदेवता की पूजा करने की परंपरा चली आ रही है।


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