नवरात्रि 7 अक्टूबर से: इस बार डोली पर सवार होकर आएगी देवी, इस वाहन को माना गया है अशुभ

धर्म ग्रंथों के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2021) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये उत्सव 7 से 14 अक्टूबर तक मनाया जाएगा।

Asianet News Hindi | Published : Oct 4, 2021 2:38 PM IST

उज्जैन. नवरात्रि में रोज देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। तिथि क्षय होने के कारण इस बार नवरात्रि का पर्व 8 दिनों का ही होगा। ज्योतिषियों के अनुसार, हर साल माता के आने का वाहन वार के अनुसार बदलता है। इस बार नवरात्रि (Shardiya Navratri 2021) का आरंभ गुरुवार को होने से देवी पालकी पर सवार होकर आएगी।

हर बार अलग क्यों होता है देवी का वाहन
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, जिस वार से नवरात्रि का आरंभ होता है, उस दिन के अनुसार देवी का वाहन माना गया है। देवी भागवत के अनुसार-

शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकी‌र्त्तिता

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अर्थ- सोमवार व रविवार को प्रथम पूजा यानी कलश स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। शनिवार और मंगलवार को नवरात्रि शुरू होने पर माता का वाहन घोड़ा होता है। गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्रि शुरू होने पर माता डोली में बैठकर आती हैं। बुधवार से नवरात्रि शुरू होने पर माता नाव पर सवार होकर आती हैं।

माता का वाहन उससे होने वाला असर
माता दुर्गा जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं, उसके अनुसार साल भर होने वाली घटनाओं का भी आंकलन किया जाता है।
तत्तफलम: गजे च जलदा देवी क्षत्र भंग स्तुरंगमे।
नोकायां सर्वसिद्धि स्या ढोलायां मरणंधुवम्।।
अर्थ- देवी जब हाथी पर सवार होकर आती है तो पानी ज्यादा बरसता है। घोड़े पर आती हैं तो पड़ोसी देशों से युद्ध की आशंका बढ़ जाती है। देवी नौका पर आती हैं तो सभी की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और डोली पर आती हैं तो महामारी का भय बना रहता हैं।

डोली की सवारी होती है अशुभ
मां दुर्गा के हर वाहन का अपना अलग-अलग महत्व होता है। शास्त्रों में ऐसा वर्णन है कि जब मां दुर्गा डोली पर सवार होकर आती हैं राजनैतिक उथल-पुथल की स्थिति बनती है। ये प्रभाव सिर्फ भारत नहीं बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ सकता है। ये प्राकृतिक आपदाएं आने का भी संकेत होता है। महामारी फैलती है और लोगों के बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है। माता का डोली पर आना बहुत ज्यादा शुभ संकेत नहीं माना जाता है।

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