Onam 21 अगस्त को, इस दिन पाताल से निकलकर धरती पर आते हैं राजा बलि, ये हैं खास बातें

ओणम (Onam 2021) केरल का प्रमुख त्योहार है। इस साल यह 21 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता है ओणम (Onam 2021) के दिन ही राजा महाबली अपनी समस्त प्रजा से मिलने के लिए आते हैं जिसकी खुशी में यह त्योहार मनाया जाता है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 20, 2021 4:21 AM IST / Updated: Aug 20 2021, 01:16 PM IST

उज्जैन. ओमण केरल का प्रमुख पर्व है। यह पर्व 10 दिनों तक मनाया जाता है। इस बार ये उत्सव 21 अगस्त, शनिवार को है। यह उल्लास, उमंग और परंपराओं से भरा हुआ त्योहार है। किसान नए फसल के बेहतर उपज के लिए यह पर्व मनाते हैं। इस दिन केरल में प्रसिद्ध सर्प नौका दौड़ आयोजित की जाती है। इसके साथ इस दिन कथकली नृत्य के साथ इस पर्व का लुफ्त उठाया जाता है। आगे जानिए इस पर्व से जुड़ी खास बातें...

रंगोली का विशेष महत्व

ओणम (Onam 2021)उत्सव की शुरुआत होते ही हर घर को सजाया जाता है। हर घर के आंगन में रंगोली बनायी जाती हैं, जिसे पूलकम कहा जाता है। पहले दिन यह रंगोली छोटी होती है, लेकिन हर दिन के साथ इस रंगोली में एक पंक्ति बड़ा दी जाती है, जिससे दसवें दिन इसका आकार बहुत बड़ा हो जाता है। इस त्योहार पर रंगोली के साथ दीप भी जलाए जाते हैं।

बनते हैं ये विशेष व्यंजन
ओणम (Onam 2021) पर 26 तरह के शाकाहारी व्यंजन बनाए जाते हैं, जिन्हें क्रमबद्ध तरीके से केले के पत्तों पर परोसा जाता है। ओणम पर खास तौर पर चावल, नारियल के दूध और गुड़ डालकर खीर बनाई जाती है, जिसे पायसम कहते हैं।

इसलिए पृथ्वी पर आते हैं राजा बलि
पुरातन समय में बलि नामक एक असुर राजा थे। एक बार जब वे स्वर्ग पर अधिकार करने के उद्देश्य से यज्ञ कर रहा थे, तब भगवान विष्णु वामन अवतार लेकर उसके पास पहुंचे और तीन पग धरती दान में मांगी। बलि ने भगवान वामन को तीन पग धरती दान देने का संकल्प ले लिया।
तब भगवान वामन ने विशाल रूप धारण कर एक पग में धरती और दूसरे में स्वर्ग नाप लिया। तीसरा पैर रखने के लिए बली ने अपना सिर आगे कर दिया। बलि के सिर पर पग रखने से वह सुतल लोक पहुंच गया। बलि की दानवीरता देखकर भगवान ने उसे सुतल लोक का स्वामी भी बना दिया।
साथ ही भगवान ने उसे यह भी वरदान दिया कि वह अपनी प्रजा को वर्ष में एक बार अवश्य मिल सकेगा। मान्यता है कि इसी दिन राजा बलि अपनी प्रजा का हाल-चाल जानने पृथ्वी पर आते हैं। राजा बलि के पृथ्वी पर आने की खुशी में ही ओणम का त्योहार मनाया जाता है।

 

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